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आईएनएसवी तारिणी का आगमन

भारतीय मैरीटाईम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना उस समय दर्ज हुई जब आईएनएसवी तारिणीभारतीय तट परपहुंची। 188 दिनों और 17,000 समुद्री मील कीअंतर-महाद्वीपीय, ट्रांस महासागर यात्रा के सफल समापन पर आईएनएसवी तारिणी कोगोवाबंदरगाह परआईएनएस मंडोवी जेट्टी के साथ सुरक्षित खड़ा कर दिया गया है।छह सदस्यीय चालक दल की अगवानी के लिए जेट्टी पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति इरानी और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार उपस्थित थे। वाइस एडमिरल,एमए हम्पीहोली,(फ्लैग ऑफिसर, कमांडिंग इन चीफ, दक्षिणी नौसेना कमान), सुश्री रानी रामपाल, भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और कई वरिष्ठनौ सेना अधिकारी,नौ सेना समुदाय के सदस्य और गणमान्य नागरिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

‘फ्लैग इन’ समारोह की शुरुआत नेवी बॉयज स्पोर्ट्स कंपनी के युवा और होनहार याट्स मैन द्वारा कुशल नौकायन के शानदार प्रदर्शन के साथ शुरु हुई। इसके बाद चेतक, कामोव 3,1 हॉक्स आईएल 38, डोर्नियर और मिग 29, के जैसे बहुमुखीनौसेना उड्डयन प्लेटफार्मों द्वारा एक अद्भुत फ्लाई पास्ट किया गया।

इस अवसर दिए अपने संबोधन में डॉ प्रमोद सावंत नेचालक दल द्वारा वीरता, साहस और दृढ़ता के अद्भुत प्रदर्शन की सराहना की । उन्होंने समुद्री नौकायन में देश में अगुआ के रूप में भारतीय नौसेना की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  कैप्टन दिलीप डोंडे (सेवानिवृत्त)कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त) और छह महिला नौसेना अधिकारियों की ‘नाविका सागर परिक्रमा टीम’, जो कि नारी शक्ति का सच्चा प्रदर्शन है, नेपहले भी अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा बटोरी है।

तारिणी चालक दल के कठिन अभियान की सराहना करते हुए विशेषतः, दो महिला अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर डिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपाए, जो पूरे 188 दिन तक 17,000 समुद्री मील, समुद्री यात्रा का हिस्सा थीं।श्रीमती इरानी ने कहा कि इस तरह की उपलब्धियों को भावी पीढ़ी के लिए दर्जकर, युवा लड़के- लड़कियों को न केवल सशस्त्र बलों में शामिल होने,बल्कि गर्व और सम्मान के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए पूरे देश के साथ साझा किया जाना चाहिए।

 एडमिरल आर हरिकुमार ने इस चुनौती पूर्ण प्रयास के सफल समापन पर संपूर्ण चालक दल को बधाई दी। उन्होंने कहा चालक दल के सफलता विपरीत मौसम में नौकायन और आवश्यकता के समय आंतरिक मरम्मत,सरलता और नवाचार के उदाहरण हैं, जो कि हमारे देशवासियों की विशेषता है।उन्होंने ज़ोर देते हुए यह कहाकि यह यात्रास्त्री सशक्तिकरण का अंत न होकर महिला-नाविकों को एक ढ़ेरों अवसर उपलब्ध कराने की शुरुआत है ताकि, वे सातों समुद्रों पर विजय हासिल कर सकें।

आईएनएसवी तारिणी की गोवा से केपटाउन होते हुए रीओ-डी-जेनेरियो और वहाँ से वापसी की यह ऐतिहासिक यात्रा 188घटनापूर्ण दिनों की उपलब्धि है।

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