उपायुक्त मुकुल कुमार की अध्यक्षता में, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम
यमुनानगर,30 जुलाई( )-बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की जिला टास्क फोर्स समिति के सदस्य अधिकारियों की बैठक जिला सचिवालय में उपायुक्त मुकुल कुमार की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में सम्पन्न हुई और इस बैठक में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, लिंगानुपात को संतुलित रखने, पीएनडीटी व एमटीपी एक्ट के प्रावधानों को सही ढंग से लागू करने, जिला के अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की बराबर रूप से चैकिंग करने, प्रधानमन्त्री मातृत्व वंदना योजना, गर्भ में कन्या भ्रूण हत्या से सम्बन्धित मामलों, वन स्टॉप सैंटर पर दी जाने वाली सुविधाओं, पौषण अभियान, महिला शक्ति केन्द्र तथा महिलाओं एवं बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई।
महिलाओं एवं बच्चों के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए उपायुक्त मुकुल कुमार ने सम्बन्धित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वे जिला में किसी भी हालत में कन्या भ्रूण हत्या न होने दें और लिंगानुपात को संतुलित रखने के लिए यथासम्भव कदम उठाएं। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पौधारोपण अभियान जोरों-शोरों से चलाएं और यह सुनिश्चित करें कि सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय सही हालत में हों और उनमें पानी की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के पोषण के लिए चलाए जा रहे पौषण अभियान को सही ढंग से चलाएं। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि सभी स्कूलों में शौचालय अच्छी हालत में हों और उन लड़कियों, जिन्होंने किन्हीं कारणों से स्कूल छोड़ दिया है, उन्हें दोबारा स्कूलों में दाखिल होने के लिए प्रेरित करें व उनका दाखिला करें ताकि नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने स्पष्टï किया कि नारी शिक्षा को बढ़ावा मिलने से ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को सही ढंग से अमली जामा पहनाया जा सकता है।
बैठक में उपायुक्त मुकुल कुमार ने यह भी बताया कि जिला टास्क फोर्स समिति के सम्बन्धित सदस्य अधिकारियों ने पिछले महीने अम्बाला में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जो रेड की है, वह सराहनीय है और समिति द्वारा ऐसी रेडें बराबर रूप से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के लागू होने से लिंगानुपात के संतुलित होने में काफी सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि जिला यमुनानगर में जनवरी 2015 में 1000 लडक़ों के पीछे लिंगानुपात 850 लड़कियां थी और अब जिला का लिंगानुपात 1000 लडक़ों के पीछे 933 लड़कियां हो गई हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए जिला में बनाए गए वन स्टॉप सैंटर में अब तक 44 महिलाओं ने शरण ली है और इनमें से 23 मामलों में महिलाएं घरेलू हिंसा से पीडि़त थी, जिनके मामले सम्बन्धित अधिकारियों की गठित समितियों द्वारा हल किए गए हैं। उन्होंने सम्बन्धित सदस्य अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जिन-जिन क्षेत्रों में आंगनवाडिय़ां दूर-दूर स्थित है, उन क्षेत्रों में प्रधानमन्त्री मातृत्व वंदना योजना के फार्म महिलाओं से भरवाएं। उन्होंने यह भी कहा कि आज नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 की विश्वव्यापी महामारी चल रही है। अत: सभी सम्बन्धित अधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के हितों में चलाई जा रही योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें।
इस अवसर पर एचसीएस अण्डर ट्रेनिंग अधिकारी हरप्रीत कौर, डीएसपी सुरेन्द्र कौर, सीडब्ल्यूसी मैम्बर अलका गर्ग, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणू नारंग, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, जिला बाल कल्याण अधिकारी सर्वजीत सिंह सीबिया, डिप्टी डीए सुरजीत आर्य, डीएलएसए के पैनल एडवोकेट रमेश कुमार वर्मा, उप-जिला शिक्षा अधिकारी शिव कुमार, उप-जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी पृथ्वी सैनी, कार्यकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी आंचल त्यागी, सुपरवाईजर बबीता, सहायक सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी स्वर्ण सिंह जंजोटर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।