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श्री राजीव चंद्रशेखर कल आईआईटी दिल्ली में तीसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोड शो को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी एवं कौशल विकास तथा उद्यमिता राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर कल 12 मई, 2023 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में तीसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचरडिजाइन (डीईएसआईजीएन) रोड शो का शुभारंभ करेंगे।

देश भर में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा अगली पीढ़ी के सेमीकंडक्टर डिजाइनरों को प्रोत्साहित करने, सह-विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने और सक्रिय उद्योग भागीदारी के साथ आईपी का संयुक्त स्वामित्व और ऑटोमोबाइल, गतिशीलता, संचार के लिए स्वदेशी रूप से सेमीकंडक्टर चिप्स विकसित करने के लिए कम्प्यूटिंग रोड शो की एक श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले, 18 अक्टूबर 2022 को कर्णावती विश्वविद्यालय, गांधीनगर में 01 रोड शो और 24 फरवरी 2023 को आईआईएससी बैंगलोर में 02 रोड शो का आयोजन किया गया था।

श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन कार्यक्रम (प्रोग्राम) जैसी इन योजनाओं के माध्यम से अगली पीढ़ी (नेक्स्टजेन) के उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों को भारत में विकसित, अभिकल्पित एवं सह-निर्मित (आर्किटेक्टेड, डिजाइन एंड को –डिज़ाइंड) किया जाएगा। दिसंबर 2021 में केंद्र ने इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन परिव्यय के साथ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी।

मंत्री महोदय ने कहा कि “हम सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को हर छात्र, हर कॉलेज तक ले जाना चाहते हैं और सेमीकॉन इंडिया यात्रा से उत्साहित होकर इसमें भाग लेने वाले कई युवा भारतीयों को आगे लाना  चाहते हैं। साथ ही उन्होंने भारतीय एवं वैश्विक उद्योग जगत के प्रमुखों से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया ताकि सेमीकॉनइंडिया फ्यूचरडिजाइन से मिल रहे  इस अवसर का  युवा छात्रों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए प्रयोग किया जा सके”।

तीसरे रोड शो के दौरान वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योगों के अगुआ भारत में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करने के लिए अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। तीसरे रोड शो के दौरान निम्नलिखित घोषणाएं की जानी हैं :

  1. इस विश्वास के साथ कि अगला यूनिकॉर्न फैबलेस चिप डिजाइन क्षेत्र से होगा, 2 ऐसे फ्यूचर डिजाइन स्टार्ट-अप्स  जिन्हें डिजाइन से जुडी प्रोत्साहन योजना (डीएलआई स्कीम)  के अंतर्गत  समर्थन के लिए अनुमोदित किया गया है और जिन्हें चिप्स पर अत्याधुनिक प्रणाली को डिजाइन करने के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ डिजाइन अवसंरचना समर्थन प्रदान किया जाएगा। ये स्टार्ट-अप ऐसे नवीन सिलिकॉन डिजाइनों को लागू करने पर काम करेंगे  जो प्रमुख विकास क्षेत्रों- ऑटोमोटिव, मोबिलिटी और कंप्यूटिंग जैसे प्रमुख  क्षेत्रों में अपनी जगह बनाएंगे । आने वाले सप्ताहों  में  डीएलआई योजना के अंतर्गत  और अधिक भविष्य के डिजाइन ( फ्यूचरडीईएसआईजीएन ) स्टार्ट-अप्स  स्वीकृत होने के लिए पंक्तिबद्ध  हैं ।

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  1. सिकोइया कैपिटल इंडिया, इस क्षेत्र की सबसे बड़ी उद्यमपूंजी कम्पनी  (वेंचर कैपिटल-वीसी फर्म) , सेमीकंडक्टर के क्षेत्र (स्पेस)  में प्रवेश करने वाली पहली संस्थागत निवेशक बन गई है क्योंकि उनका यह मानना ​​है कि देश को कस्टम सिलिकॉन आईपी और हार्डवेयर नवाचार के  वैश्विक केंद्र में बदलने के लिए गहन-प्रौद्योगिकी (डीप टेक) स्टार्ट- अप्स के लिए एक अब बड़ा अवसर है । सिकोइया डिजिटल इंडिया के 02 आरआईएससी-वी (डीआईआर-वी) स्टार्ट-अप्स  में अपने निवेश की घोषणा करेगा ।

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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने देश के सेमीकंडक्टर डिज़ाइन समुदाय को अपनी सेवाएं समर्पित करने के लिए सी-डैक बैंगलोर में चिपइन (सीएचआईपीआईएन) केंद्र की स्थापना की है। यह सुविधा सेमीकंडक्टर डिज़ाइन टूल्स, फैब एक्सेस, वर्चुअल प्रोटोटाइपिंग हार्डवेयर लैब तक पहुँच  (एक्सेस) प्रदान करने के लिए स्टार्टअप्स और शिक्षा जगत (एकेडेमिया) से फैबलेस चिप डिजाइनरों के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करती है। यह एक सामान्य समर्पित केंद्रीकृत क्लाउड-समर्थित डिजाइन सुविधा है, जो न केवल पूरे चिप डिजाइन चक्र के लिए सबसे उन्नत इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन स्वचालन (ईडीए) उपकरणों की व्यवस्था ज करती है, बल्कि भारतीय फाउंड्री में डिजाइन के निर्माण के लिए समग्र सेवाएं भी प्रदान करती है, उदाहरण के लिए, एससीएल फाउंड्री और विदेशी फाउंड्री और पैकेजिंग एंसिस ईडीए प्रौद्योगिकियों को सीखने के लिए इंजीनियरिंग प्रतिभा के लिए चिपिन सेंटर का समर्थन करने का प्रयास करता है जो सेमीकंडक्टर उद्योग में डिजाइन परियोजनाओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इस संबंध में, सी- डीएसी बैंगलोर और एन्सिस ( एएनएसवाईएस)  के बीच एक ऐसे समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य चिपइन (सीएचआईपीआईएन ) केंद्र में स्थापित  किए गए एन्सिस ( एएनएसवाईएस)  ईडीए उपकारणों  का उपयोग करके चिप डिज़ाइन को विकसित करने में सहयोग करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है।

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(iv) उन्नत अर्धचालक समाधानों ( सेमीकंडक्टर सौल्युशन्स)  के एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ने आज विशेष रूप से भारतीय बाजार के लिए एक एनबी-आईओटी (नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स) चिपसेट प्रस्तुत  किया । नया आरएच1एनएस 200 एक  एलटीई एनबी – आईओटी मॉडम चिपसेट है जिसे सभी प्रमुख भारतीय दूरसंचार वाहकों के नेटवर्क पर निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह भारतीय स्मार्ट मीटरिंग बाजार की सेवा के लिए एक आदर्श समाधान है, जिसका कुछ अनुमान अगले पांच वर्षों में लगभग 25 करोड़ यूनिट है। ग्राहक “मेक इन इंडिया” आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूर्ण एनबी –आईओटी  मॉड्यूल बनाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। नए चिपसेट का उपयोग एसेट ट्रैकिंग, लाइटिंग, सुरक्षा और कई अन्य अनुप्रयोगों में भी किया जा सकता है। यह चिपसेट गहन निद्रा (डीप स्लीप)  मोड में केवल 1म्यूए (uA)  की अत्यधिक सीमित मात्रा में  बिजली की खपत कराता  है, जिससे बैटरी का जीवनकाल (लाइफ)  बहुत  बढ़ जाता है।

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माननीय राज्य मंत्री- श्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी (डीआईआर-वी) कार्यक्रम के एक भाग  के रूप में, सी-डैक ने 32/64-बिट एकल (सिंगल)/ द्विगुणित (ड्यूअल) क्वाड कोर सुपरस्केलर आउट-ऑफ-ऑर्डर उच्च प्रदर्शन प्रोसेसर्स   की आरआईएससी-वी इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर पर आधारित माइक्रो प्रोसेसर्स की पहली वीईजीए शृखला विकसित की है। एक 32-बिट सिंगल कोर  पर आधारित पहला वीईजीए प्रोसेसर एसओसी चिप टीएचईजेएएस 32  एएसआईसी को  सफलतापूर्वक निर्मित किया गया है। टीएचईजेएएस 32  एएसआईसी पर आधारित एक विकास मंच, एआरआईईएस को विकसित किया गया है जिसमें एरीज वी2, एरीज माइक्रो, एरीज आईओटी और एरीज वी3 नाम से   चार अलग-अलग डेवलपर किट शामिल हैं ।  इस प्रकार विकसित ये सभी  किट पूरी तरह से स्वदेशी और “मेड इन इंडिया” उत्पाद हैं जो सीखने, एम्बेडेड सिस्टम डिजाइन और आईओटी अनुप्रयोगों के लिए लक्षित हैं। आरआईएससी-वी आईएसए अनुरूप वीईजीए (वेगा)  प्रोसेसर पर बनाए गए इन सभी बोर्ड्स के लिए  उपयोग में आसान हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराए गए हैं । बोर्ड सपोर्ट पैकेज, एकीकृत टूल चेन के साथ एसडीके, आईडीई प्लग-इन, विकास के लिए डीबगर, परीक्षण, डिबगिंग के साथ समर्थन प्रलेखन सहित एम्बेडेड सिस्टम डिजाइन के लिए पूरा पारिस्थितिकी तंत्र भी उपलब्ध है ।

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इन पहलों का लाभ उठाते हुए, देश भर में तेजी से कई नए स्टार्ट-अप खुलेंगे जो  प्रारंभिक प्रवेश बाधाओं को पार करते हुए  देश में स्वदेशी आईपी कोर, चिप्स के साथ ही भारत और विश्व के लिए 5जी / आईओटी , कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) / मशीन लर्निंग (एमएल) वाहन उद्योग ( ऑटोमोटिव)  और परिवहन (मोबिलिटी)  क्षेत्र आदि जैसे विभिन्न अनुप्रयोगी (एप्लिकेशन)  क्षेत्रों के लिए सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) बनाने के उद्देश्य से भारत में उद्यमशीलता / स्टार्टअप-आधारित डिजाइन और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे ।

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