104 साल के दादा दुलीचंद को बनाया गया भगवान परशुराम जन्मोत्सव का महामुख्यअतिथि
रोहतक । 18 मई वीरवार आज नवीन जयहिंद दादा दुलीचंद के गांव गांधरा पहुंचे।
दादा दुलीचंद 104 साल के हैं । उन्होंने “थारा फूफा जिंदा है” अभियान का नेतृत्व किया था इस मुहिम के तहत दादा दुलीचंद ने हरियाणा के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांगों व विधवा महिलाओं की पेंशन बनवाई और कागजों में मृत हजारों लोगों को जिंदा करवाया। जयहिंद ने बताया कि दादा दुलीचंद 21 मई रविवार पहरावर भगवान परशुराम जन्मोत्सव के महा मुख्य अतिथि रहेंगे वह अपने सभी बुजुर्ग साथियों के साथ दादा दुलीचंद इस दिन वहां मौजूद रहेंगे।
जयहिंद ने बताया कि 104 साल के होने के बावजूद भी दादा दुलीचंद हक की लड़ाई लड़ने व संघर्ष के लिए पहली पंक्ति में हमेशा खड़े रहते हैं
और पहरावर कि जमीन व 21 मई रविवार को पहरावर की जमीन पर मनाए जाने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव का ललकारा(न्यौता) दिया।
जयहिन्द ने बताया कि 21 मई रविवार को पहरावर की जमीन पर ही भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा और दो हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा भी करवाई जाएगी। जिसमे सभी 36 बिरादरी के न्यौता है और 104 वर्षीय दादा दुलीचंद के साथ जिन्होंने मुंडन करवा रखा है वे मुख्यतिथि है बाकी सब विशिष्ट अतिथि रहेंगे। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि मन्दिर निर्माण के लिए सभी साथी 1-1 ईंट लेकर 21 मई को पहरावर पहुंचे क्योंकि वहां पहले बनेगा भगवान परशुराम मन्दिर ओर फिर बनेगा शिक्षा का मन्दिर। जमीन वापसी का श्रेय सिर्फ और सिर्फ उन फरसाधारियों, मुंडनधारियों और 36 बिरादरी के भाईचारे को है जो पिछले साल पहरावर फरसे लेकर पहुंचे थे।
जयहिन्द ने एक नंबर(7027-822-822) जारी करते हुए बताया कि इस नंबर पर कॉल करके आप 21 मई रविवार को पहरावर में मनाए जाने वाले भगवान परशुराम जन्मोत्सव के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। साथ ही जयहिन्द ने बताया कि जन्मोत्सव में एक ढोल रखा जाएगा जिसमे जिसकी जो भी समस्या हो लिखकर उस ढोल में डाल दे ताकि हम आपकी उन समस्याओं का समाधान करवा सके।
जयहिन्द ने बताया कि जब 23 अप्रैल रविवार को पहरावर की जमीन पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाने था तो सरकार व मुख़्यमंत्री कंस मामा ने कोर्ट का सहारा लेकर उसे रूकवा दिया था तो हमने मुंडन करवाया और पूरे हरियाणा में युवाओ ने मुंडन करवाकर सरकार व मुख़्यमंत्री के खिलाफ विरोध जताया। जिसके बाद हम हरिद्वार भगवान भोलेनाथ गंगा माँ के पास और भगवान परशुराम मन्दिर, माँ रेणुका धाम सिरमौर (हिमाचल) गए। साथ ही जयहिन्द ने कहा मुख़्यमंत्री को अपने इस पाप के लिए 21 बार माफी मांगनी पड़ेगी।
काफी लोग पहरावर की जमीन वापिस देने को लेकर मुख़्यमंत्री को बधाईयां दे रहे है इस पर जयहिन्द ने बताया कि यह जमीन हमे दी नही गयी बल्कि हमने ली है। जैसा कि आप सभी जाने है कि पहरावर की जमीन पिछले 14 सालों से 2 सरकारो ने बंधक बनाकर रखी हुई थी और पिछले साल इस जमीन के लिए जो लड़ाई लड़ी गयी थी ओर तभी हजारो फरसाधारियों ने 36 बिरादरी के साथ मिलकर फरसे के दम पर उसे लिया था, ओर सरकार का कब्जा छुड़वाया था। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि मैं जमीन वापिस देने को लेकर मुख़्यमंत्री का कोई धन्यवाद नही करता, हाँ अगर मुख़्यमंत्री वहां संस्था के लिए 100 करोड़ रुपये दान देकर जाए तो वे धन्यवाद के पात्र है।
जैसा कि सांसद कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि उस जमीन पर स्कूल, हॉस्पिटल बनना था। इस पर जयहिन्द ने जवाब देते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि वहां स्कूल, हॉस्पिटल बनेगा लेकिन पहरावर की जमीन पर पहली ईंट भगवान परशुराम के मन्दिर की लगेगी। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि जब पिछली 23 अप्रैल को भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर रोक लगाई गई थी उस समय इन सब लोगो की जीभ को लकवा मार गया था, उस समय इस मामले पर कोई कुछ नही बोला, ओर अब मुख़्यमंत्री जी को वही लोग धन्यवाद कर रहे है।
जयहिन्द ने बताया कि पहरावर की जमीन हमने हाथ जोड़कर नही बल्कि सरकार के हाथ तोड़ कर ले रखी है। वह हमारे मान-सम्मान, ईज्जत और स्वाभिमान की लड़ाई थी। जो मुख़्यमंत्री कंस मामा ब्राह्मणों को कमजोर समझ रहा था वो 21 मई रविवार को पहरावर आकर देख ले कि ब्राह्मण बोद्दा है या योद्धा है।