गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को घेरने की तैयारी में राष्ट्रीय पंजाबी महासभा
गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को घेरने की तैयारी में राष्ट्रीय पंजाबी महासभा
अम्बाला, 2 अप्रैल: गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी के मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय पंजाबी महासभा लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को घेरने की तैयारी में है।
इस संबंध में राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता अशोक मैहता ने मंगलवार को यहां जारी बयान में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश उत्सव पर करनाल में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी बनाए जाने की घोषणा की थी, मगर इस घोषणा को पूरा करने के अभी तक कोई प्रयास तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब मनोहर लाल करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में महासभा द्वारा जनता के बीच गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा।
अशोक मैहता ने आरोप लगाया कि मनोहर लाल ने न केवल पंजाबियों के साथ विश्वासघात किया है, बल्कि उनकी धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किए गए चुनावी घोषणा पत्र में अम्बाला या पंचकूला में गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाए जाने का वायदा किया गया था। जब प्रदेश की कुछ संस्थाओं द्वारा इस घोषणा को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया गया तो उस समय के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 12 फरवरी 2017 को करनाल में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाए जाने की घोषणा भी कर दी थी, मगर इस घोषणा को आज तक पूरा नहीं किया गया है।
अशोक मैहता ने कहा कि भाजपा ने पहले 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में वायदा करके गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी की घोषणा का राजनीतिक लाभ उठाया गया और फिर 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा करके हरियाणा के सिखों की भावनाओं को 2019 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में भुनाया। उन्होंने कहा कि अब लोकसभा चुनाव में व करनाल विधानसभा के उप चुनाव में हरियाणा प्रदेश की जनता को भाजपा का असली चेहरा दिखाने के मकसद से राष्ट्रीय पंजाबी महासभा इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएगी।
अशोक मैहता ने आरोप लगाया कि भाजपा की कथनी व करनी में अंतर है। भाजपा तो वैसे भी चुनावी वायदों व घोषणाओं को चुनावी जुमले बताकर पल्ला झाडऩे के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुकी है, इसलिए अब जनता इनके बहकावे में आने वाली नहीं है। अब चाहे भाजपा चुनावी घोषणा पत्र को संकल्प पत्र बताए या मोदी की गारंटी, जनता इनको चुनाव में जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठी है।