‘‘राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम’’ के तहत ‘‘बिना चीरा-बिना टांका पुरूष नसबंदी’’ जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा किया रवाना
यमुनानगर, 21 नवम्बर(सच की ध्वनि): ‘‘राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम’’ के तहत ‘‘बिना चीरा-बिना टांका पुरूष नसबंदी’’ (एन.एस.वी.) पखवाड़ा चल रहा है। इस पखवाड़े के तहत 21 नवम्बर, 2020 से 04 दिसम्बर, 2020 तक दम्पती सम्पर्क पखवाड़ा चलाया जा रहा है। जिसके तहत एन.एस.वी. का प्रचार व प्रसार तथा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जा रहा है। पखवाड़े के प्रोत्साहन के लिये डॉ. विजय दहिया, सिविल सर्जन, यमुनानगर द्वारा जागरूकता रथ व रैली को हरी झंडी दिखा सिविल सर्जन कार्यालय से रवाना किया गया। इस पखवाडे के तहत सारे जिले में पुरूष नसबंदी के बारे में लोगों को जागरूक किया जायेगा तथा साथ ही मुकन्द लाल जिला नागरिक अस्पताल, यमुनानगर व नागरिक अस्पताल, जगाधरी में प्रतिदिन एन.एस.वी. आप्रेशन मुफ्त किए जायेंगे।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि इस वर्ष नसबंदी पखवाड़े की थीम ‘‘परिवार नियोजन में पुरूषों की सांझेदारी जीवन में लाए शांति और खुशहाली’’ रखी गई है। उन्होंने बताया कि आंकडों के अनुसार परिवार नियोजन के कार्यक्रम में पुरूषों की भागीदारी 1 प्रतिशत से भी कम है। जबकि वास्तविकता में पुरूषों के ऑपरेशन की विधि महिला नलबंदी के ऑपरेशन से सरल है तथा इससे पुरूषों में किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता तथा नसबंदी उपरान्त वह अपना सामान्य कार्य कर सकता है। उन्होंने बताया कि भारत वर्ष में प्रतिदिन जनसंख्या वृद्धि होती है तथा एन.एस.वी. तकनीक के बारे बताते हुये कहा कि पारंपरिक नसबंदी में अंडकोष में एक या दो चीरे लगाने व उसे बंद करने के लिये टांके लगाने की जरूरत पड़ती थी परन्तु नई तकनीक में बिना चीरा-बिना टांके के पुरूष नसबंदी (एन.एस.वी.) होती है, जिसमें पारंपरिक नसबंदी से आधा समय लगता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत विश्व में पहला ऐसा देश है जहां 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया था। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. दहिया ने सभी पुरूषों से आगे आकर पखवाड़े में भाग लेने की अपील भी की।
इस अवसर पर डॉ. पूनम चौधरी, चिकित्सा अधीक्षक, नागरिक हस्पताल, जगाधरी एवं उप-सिविल सर्जन परिवार कल्याण, यमुनानगर ने बताया कि पुरूष नसबंदी महिलाओं की नसबंदी से अधिक सुरक्षित है तथा कम समय में हो जाती है। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यदि कोई परिवार चाहे तो पुरूष नसबंदी कराने के पश्चात इसे खुलवा भी सकता है, जिससे की आने वाले समय में यदि आवश्यकता हो तो दोबारा गर्भधारण किया जा सके। डॉ. पूनम ने यह भी जानकारी दी कि एन.एस.वी. करवाने वाले पुरूष को 2000 रूपये की तथा प्रेरक को 300 रूपये की प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जाती है।
इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. राजेश परमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. बुलबुल, डॉ. विपुल गोयल, डॉ. शीबा, डॉ. छवी महता, डॉ. अश्वनी के साथ-साथ अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।