जल जीवन मिशन के माध्यम से जल प्रदूषण की समस्या का समाधान किया जा रहा है
सच की ध्वनि(ब्यूरो) यमुनानगर, 26 मार्च-जल जीवन मिशन के माध्यम से जल प्रदूषण की समस्या का समाधान किया जा रहा है, राज्यों द्वारा कुल 48169 ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता का निम्न स्तर होने की सूचना दी गई,जल जीवन मिशन की शुरुआत के बाद से, लगभग 10650 आर्सेनिक/ फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया गया यह जानकारी केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने दी।
सांसद गिरीश भालचंद्र बापट द्वारा संसद में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए भारत में दूषित पानी की समस्या के समाधान पर जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री कटारिया ने बताया कि केन्द्र सरकार ने आर्सेनिक और फ्लोराइड से प्रभावित 27544 क्षेत्रों में वर्ष 2017 में राष्ट्रीय वाटर गुणवत्ता सबमिशन की शुरूआत की है जिनमें से केवल 1369 क्षेत्रों को छोड़कर बाकी सभी में पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है तथा बाकी को भी जल्द से जल्द कवर करने के लिए काम चल रहा है। उन्होंने बताया की अभी बचे हुए क्षेत्रों में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल 612, पंजाब 382, राजस्थान 297, झारखंड 27और बिहार 32 से संबंधित हैं,मंत्री कटारिया ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत जल में घुले 6 प्रदूषकों फ्लोराइड, आर्सेनिक, सैलिनिटी, आयरन, नाइट्रेट और भारी धातुओं की मॉनिटिरिंग की जाती है, जल जीवन मिशन के अंतर्गत, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में हैं, जिसके लिए केन्द्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर इन क्षेत्रों में पाइप जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही हैं। उन्होंने बताया कि 48169 ग्रामीण क्षेत्र इन प्रदूषकों से प्रभावित हैं, जिनमें असम 21019 तथा राजस्थान 12228 क्षेत्रों के साथ इस सूची में सबसे ऊपर हैं।
केन्द्रीय मंत्री कटारिया ने आगे बताया कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण मिशन है, जिसमें गांव, जिला स्तर पर जलापूर्ति योजनाओं को संकलित करते हुए गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा ऐसे है बिटेशनस के लिए वित्तीय आवंटन में 10 प्रतिशत वेटेज दिया गया है तथा साथ ही राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय आवंटन का 2 प्रतिशत पानी की गुणवत्ता निगरानी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संबंधित क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए जमीनी स्तर पर वहां के सामाजिक लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है।
केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रत्नलाल कटारिया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य में पानी प्रबंधन में किए गए सुधारों की तारीफ करते हुए बताया कि यह माननीय मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच व कुशल नेतृत्व क्षमता का ही परिणाम है, जो हरियाणा राज्य पानी से जुड़े गंभीर मुद्दों पर लगातार लक्ष्य हासिल कर रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के पंचकुला, अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल और रोहतक जिले 100 प्रतिशत नल से जल के लक्ष्यों को पूरा कर चुके हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा पानी की गुणवत्ता में किए गए सुधारों की तुलना पड़ोसी राज्य पंजाब से करते हुए बताया कि हरियाणा राज्य में अब मात्र 1 क्षेत्र बाकी है जहां पानी फ्लोराइड प्रदूषक से प्रभावित हैं, जबकि पंजाब के 1,113 क्षेत्रों का पानी अभी तक इन प्रदूषकों से प्रभावित है, जिनमें 210 क्षेत्र फ्लोराइड से, 605 क्षेत्र आर्सेनिक से, 34 क्षेत्र आयरन से, 59 क्षेत्र नाइट्रेट से तथा 225 क्षेत्र भारी धातुओं के प्रदूषकों से प्रभावित हैं।