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2020 की दरम्यानी रात के दौरान टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाए गए

राजस्थान, गुजरात और हरियाणा के 11 जिलों में 37 स्थानों पर 30 और 31 जुलाई, 2020 की दरम्यानी रात के दौरान टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाए गए

30 और 31 जुलाई, 2020 की दरम्यानी रात में राजस्थान के 9 जिलों – जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, नागौर, हनुमानगढ़, जालौर तथा सिरोही में 34 स्थानों पर और गुजरात के कच्छ जिले में दो स्थानों पर टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा टिड्डियों के झुंडों और पतिंगों के खिलाफ टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाए गए। इसके अलावा, हरियाणा राज्य कृषि विभाग ने भी टिड्डियों के छोटे और बिखरे समूहों के खिलाफ 30 और 31 जुलाई, 2020 की आधी रात में भिवानी जिले में एक स्थान पर टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया।

 

11 अप्रैल,2020 से शुरू टिड्डी नियंत्रण अभियान के तहत 30 जुलाई,2020 तक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 2,26,979 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों पर नियंत्रण का कार्य किया गया है। 30 जुलाई, 2020 तक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार में राज्य सरकारों द्वारा 2,29,582 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण कार्य किया गया है।

 

अभी राजस्थान और गुजरात में कीटनाशक छिड़काव वाहनों के साथ 104 नियंत्रण टीमों को तैनात किया गया है और केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण कार्यों में लगे हुए हैं। इसके अलावा, राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी जिलों में 15 ड्रोन के साथ 5 कंपनियों को कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर मौजूद टिड्डियों पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के लिए तैनात किया गया है। राजस्थान में अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में आवश्यकता के अनुसार उपयोग के लिए एक बेल हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है। भारतीय वायु सेना भी एमआई-17 हेलीकॉप्टर का उपयोग करके टिड्डे विरोधी कार्रवाई में सहायता कर रही है।

 

गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, राजस्थान के कुछ जिलों में कुछ फसलों को मामूली नुकसान हुए हैं।

 

आज (31.07.2020) राजस्थान में जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, नागौर, हनुमानगढ़, जालौर और सिरोही जिले, हरियाणा के भिवानी जिले, और गुजरात के कच्छ जिले में अपरिपक्व गुलाबी टिड्डियों, वयस्क पीली टिड्डियों और / या पतिंगों के झुंड सक्रिय हैं।

 

(ए) राजस्थान में जोधपुर जिले के फलोदी में सवरिज में खेतों में मृत पड़े पतिंगे

(बी) गुजरात में कच्च जिले के गुनेरी तहसील में मृत पड़े पतिंगे

(सी) राजस्थान के हनुमानगढ़ में नोहर तहसील के गुडिया में एलडब्ल्यूओ का ऑपरेशन

(डी) राजस्थान के जोधपुर में तिंवरी तहसील के जेलू में टिड्डी नियंत्रण कार्य में लगे ड्रोन

(ई) राजस्थान के बाड़मेर में रामपुर तहसील के सेडवा में मृत पड़े पतिंगे

 

 

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के 21.07.2020 को जारी टिड्डी स्टेटस अपडेट से संकेत मिलता है कि आने वाले हफ्तों में हॉर्न ऑफ अफ्रीका से टिड्डियों के झुंडों के पलायन का खतरा बना हुआ है। सोमालिया में,उत्तर दिशा की ओर होते हुए टिड्डियों के झुंड पूर्व की ओर आगे बढ़ रहे हैं और सीमित संख्या में ये झुंड आने वाले दिनों में हिंद महासागर में भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में भी जा सकते हैं।

 

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान)के रेगिस्तानी टिड्डियों पर साप्ताहिक वर्चुअल बैठक आयोजित की जा रही है। दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों के तकनीकी अधिकारियों की 16 वर्चुअल बैठकें अब तक हुई हैं।

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