“माता पिता की सेवा करना” यह भगवान की उच्च कोटि की पूजा है : संत अश्विनी बेदी
श्री गीता ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ
यमुनानगर, 2 अगस्त (सच की ध्वनि)- तेजली रोड पर स्थित श्री राम शरणम् आश्रम में परम श्रद्धेयअश्विनी बेदी महाराज के मार्गदर्शन में जन्माष्टमी के उपलक्ष में सुबह 8:00 बजे से 9:30 बजे की सभा में श्री गीता ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ किया गया।
बेदी महाराज द्वारा सभी साधकों को संदेश दिया गया कि जो गीता का सिद्धांत है, अपना कर्तव्य-कर्म करना दूसरा समायोचित कर्म का पालन करना, यही भगवान की पूजा है। प्रत्येक मानव का क्रम समय-समय पर बदलता रहता है, जब बाल अवस्था थी, कर्तव्य कर्म है पढ़ाई में पूरा ध्यान देना, युवावस्था में अपने आप पर व इंद्रियों पर संयम रखना और प्रौढ़ावस्था में अपने वृद्ध माता-पिता की सेवा करना यह भगवान की उच्च कोटि की पूजा है। भगवान को भोग लगाना कठिन नहीं है, लेकिन माता-पिता की हर सेवा का ख्याल रखना उनका आदर सम्मान करना ही भगवान की असली पूजा है। पिता को पुत्र की संपत्ति से कोई प्यार नहीं होता, उन्हें केवल आदर व सम्मान की आवश्यकता होती है। इसलिए हमें हर अवस्था में अपने माता-पिता की हर जरूरत का ध्यान अवश्य रखना चाहिए और उनकी सेवा में कभी कोई कमी ना आए इसका अवश्य ख्याल रखना चाहिए तभी हमें भगवान की प्राप्ति हो सकती है, यही भगवान की उच्च कोटि की पूजा है।
श्रीमद्भागवत गीता जी के पाठ श्री राम शरणम् मंदिर में प्रतिदिन सुबह 7 से 8 की सभा में होंगे व 12 अगस्त दिन बुधवार जन्माष्टमी के पावन दिवस पर सायं 6:00 से 7:30 बजे की सभा में श्री गीता ज्ञान यज्ञ का समापन होगा व सभी साधक राम कृपा प्राप्त करेंगे।
कल 3 अगस्त दिन सोमवार को परम पूज्य संत नरकेवल बेदी महाराज का जन्म दिवस है। संजय गर्ग ने बताया कि संत नरकेवल बेदी महाराज के जन्म दिवस के उपलक्ष में कल दोपहर 2:00 बजे जरूरतमंद लोगों को मास्क व खाद्य सामग्री वितरित की जाएगी, उसके बाद श्री राम शरणम् मंदिर में सायं 4:00 बजे से लेकर 6:15 बजे तक श्री सुंदरकांड जी का सुंदर पाठ होगा।


