यमुनानगर

स्लोगन व पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कर फसल अवशेष प्रबंधन का दिया संदेश

यमुनानगर, 9 नवम्बर(सच की ध्वनि)- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र दामला द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बहादुरपुर में फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्लोगन व पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. एनके गोयल ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों के मन में स्वच्छ वातावरण की अलख जगाना है, जो देश का भविष्य है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि हमारा पर्यावरण किन-किन कारणों से दूषित हो रहा है। जिसमें हवाएं, पानी व मिट्टी शामिल हैं। जिनका हमारे स्वास्थ्य में बहुत बड़ा योगदान है। यदि हम इन्हीं को दूषित कर देंगे तो हमारा जीवन बहुत दुखदाई हो जाएगा और हमें भयानक बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
डॉ. संदीप रावल ने विद्यार्थियों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में किस तरह का सहयोग दे सकते हैं और फसल अवशेषों को मिट्टी में ही मिलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति में किस तरह का सुधार होता है और यदि फसल अवशेषों को और पराली को जला दिया जाए तो इसमें उपस्थित पोषक तत्व तो नष्ट हो ही जाते हैं। साथ ही साथ यह हमारे वायुमंडल को दूषित करने का कारण भी बनते हैं और जो हमारे लिए विभिन्न बीमारियों को भी जन्म देते हैं। जिसमें हम सांस भी नहीं ले पाते हैं। उन्होंने बताया कि अपने माता-पिता व अपने आसपास रहने वालों को विद्यार्थी यह बताएं कि फसल अवशेषों को न जलाएं। इसके प्रबंधन हेतु दामला गांव में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों से इस बारे में सलाह जरूर लें।
प्रशिक्षण सहायक करण सिंह सैनी ने विद्यार्थियों को सब्जियों के महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि सब्जियां हमें रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती हैं तथा बहुत-सी सब्जियां व मसाले बहुत सारी बीमारियों को ठीक करने में भी सहायक होते हैं। इसलिए हमें सब्जियों के सेवन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमें सब्जियां बदल-बदल कर खानी चाहिए तथा सब्जियां रसायनों से मुक्त भी होनी चाहिए। रसायन मुक्त सब्जियां और जैविक विधि से सब्जियां किसान को घर पर ही गृह वाटिका में भी लगा लेनी चाहिए। जिससे आपके आसपास पड़ी हुई खाली भूमि का उपयोग हो जाएगा और परिवार के लिए शुद्ध व बिना रसायनों के सब्जियां भी उपलब्ध हो जाएंगी। जिससे स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही साथ हमारी खर्चें पर पड़ने वाली मार कुछ हद तक कम हो जाएगी। जिसे घर में उपस्थित परिवार के सदस्य थोड़ा समय निकालकर आसानी से कर सकते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य विनय कुमार ने विद्यार्थियों को जीवन में अनुशासन बनाए रखकर, अपने स्वास्थ्य व स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि अनुशासन और स्वच्छता ही हमें जीवन में आगे बढ़ने को प्रेरित करती है तथा इस अवसर पर ग्राम सरपंच राजेंद्र कांबोज व विद्यालय का स्टाफ मौजूद रहा।
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