यमुनानगर

मधुमेह के रोगी को अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल व चर्बी पर नियंत्रण रखना चाहिए: दहिया

-विश्व मधुमेह दिवस पर जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कार्यशाला का हुआ आयोजन

यमुनानगर, 13 नवम्बर(सच की ध्वनि): जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सिविल सर्जन कार्यालय में सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया की अध्यक्षता में विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर कोरोना के चलते स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को मधुमेह के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान करना था। जिससे कि वे अस्पताल में आने वाले मरीजों व अपने आस-पास जन-साधारण में मधुमेह के प्रति जागरुकता फैला सकें।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि वर्ष-2020 कोविड-19 के चलते कोरोना महामारी से प्रभावित रहा तथा अधिकतर देखा गया है कि मधुमेह से ग्रस्त लोगों पर कोरोना का प्रभाव अधिक रहा है। कोरोना ग्रस्त मरीजों की मृत्यु का कारण भी मधुमेह या उच्च रक्त चाप था। उन्होंने बताया कि मधुमेह के कारण व्यक्ति में विषाणु संक्रमण अधिक होता है व प्रतिरक्षा की क्षमता कम हो जाती है तथा कोरोना विषाणु ऐसे व्यक्ति को जल्द प्रभावित कर सकता है। डॉ. दहिया ने बताया कि मधुमेह (शुगर) मुंह  का खुश्क रहना, अत्याधिक प्यास लगना, भूख अधिक लगना, अधिक भोजन करने पर भी दुर्बल होते जाना, मू़त्र बार-बार एवं अधिक मात्रा मे होना तथा मूत्र त्यागने के स्थान पर चीटियां लगना, चोट लग जाने पर घाव जल्दी न भरना, नेत्र ज्योति बिना किसी कारण के कम होना मधुमेह के सामान्य लक्षण है। डॉ. विजय दहिया ने बताया कि जिले में बहुत से लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं, जबकि वास्तविक संख्या इस रोग के सम्बन्ध में जानकारी न होने के कारण उससे भी अधिक हो सकती है। उन्होंने सभी को सलाह दी है कि मधुमेह रोगियों को अपने शरीर के वजन व रक्तचाप पर ध्यान रखना चाहिए। मधुमेह के रोगी को अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल व चर्बी पर नियंत्रण रखना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि रोगी द्वारा सही आहार लेने से भी 30 प्रतिशत तक मधुमेह नियंत्रण हो सकता है तथा खाने में कम तेल में सब्जियों को पकाना चाहिए। हरी तथा पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना अधिक लाभदायक है। डॉ. दहिया ने सलाह दी कि मधुमेह के मरीजों पैदल चलें व योग शिक्षकों के सांनिध्य में योग के अभ्यास को अपने नियमित व्यायाम का हिस्सा बनाऐं व शराब, तम्बाकू व अन्य किसी भी प्रकार के नशे के सेवन से दूर रहें। इसके साथ ही उन्होनें लोगों से अपील की कि सभी लोगों को हर तीन अथवा छह माह में रक्तशर्करा, गुर्दे की जांच, आंखों तथा पैरों का परीक्षण/टैस्ट करवाना चाहिए। डॉ. दहिया ने कहा कि इस प्रकार के कायक्रमों का आयोजन करने का स्वास्थ्य विभाग का मुख्य उद्देश्य समाज में अधिक से अधिक लोगों को इस रोग के प्रति सावधान कराना है।
इस अवसर पर डॉ. नितिन गुप्ता ने बताया कि फिलहाल चीन विश्व में मधुमेह के मरीजों की संख्या में प्रथम है तथा भारत का स्थान द्वितीय है और जल्द ही मरीजों में मधुमेह की वृद्धि को देखते हुये लगता है कि भारत जल्द ही प्रथम पायदान पर होगा। उन्होंने बताया कि गैर-संचारी रोगों में मधुमेह द्वितीय स्थान पर है, अतः अत्यधिक लोगों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि मधुमेह का मुख्य कारण मोटापा, उच्च रक्त-चाप, तनाव, कोलेस्ट्रॉल यूरिक एसिड का बढ़ना तथा अनियमित जीवन शैली है। डॉ. नितिन ने बताया कि मधुमेह के कारण मरीज को मस्तिष्क व हृदय घात हो सकता है तथा दृष्टि पर प्रभाव के साथ-साथ पूर्ण अंधापन भी हो सकता है। अतः समय-समय पर जांच व उपचार करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मधुमेह के रोगियों के लिए शूगर की जांच सुविधा व शूगर की दवाईयां मुफ्त उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को 40 वर्ष की आयु के बाद अपना चैकअप नियमित रुप से करवाना चाहिए।
इस कार्यक्रम के दौरान उप-सिविल सर्जन डॉ. पूनम चौधरी, डॉ. विजय विवेक, चिकित्सा अधीक्षक सिविल अस्पताल डॉ. सुनिल, डॉ. पुनीत कालडा, डॉ. वागीश गुटेन, डॉ. शिव कुमार सैनी, डीपीएम पूजा, डीएएम सुनीता, सुदेश, नर्सिंग सिस्टर शीतल व नीशा जंग, बोबेश पंजेटा, शिल्पा, दीप्ती, मितलेश, रजनी, हरपाल सिंह व अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

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