बाल श्रम कराना एक दंडनीय अपराध हैः गर्ग
यमुनानगर, 5 सितम्बर(सच की ध्वनि)ः बाल श्रम कराना एक दंडनीय अपराध है जिससे बालकों के मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आप सभी से मेरी अपील है कि बाल श्रम को जड़ से खत्म करते हुए प्रत्येक बच्चे को उनका अधिकार दिलाने का दृढ़ संकल्प लें। यह शब्द बाल कल्याण समिति सदस्य अलका गर्ग ने कहे।
जिला यमुनानगर बाल कल्याण समिति सदस्य अलका गर्ग ने बताया कि गैर कानूनी बाल श्रम हमारे देश और समाज के लिए बहुत ही गंभीर विषय है अब समय आ गया है कि हमें बाल श्रम पर बात करने के साथ-साथ अपनी नैतिक जिम्मेदारियों भी समझनी होंगी। बाल श्रम भारत देश के साथ-साथ अन्य देशों में भी कानूनी अपराध है। बच्चे हमारे देश का आने वाला भविष्य है। बच्चों का भविष्य हमें सुरक्षित व उज्ज्वल बनाना है। गैर कानूनी बाल श्रम को रोकने के लिए बाल कल्याण समिति दृढ़ संकल्प है।
जिला सदस्य अलका गर्ग ने बताया कि बहुत सी बार लोग अंजाने में या जान बूझकर अपने घर के घरेलू कार्यों के लिए या दुकानों व ढ़ाबों पर छोटे बच्चों को रख लेते है व उनसे कार्य करवाते है जो कि पूरी तरह गैर कानूनी है, ऐसे लोगों का पता चलने पर उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील करते हुए कहा कि अगर आप के आस पास कोई भी बाल श्रम का मामला पता चलता है तो आप इसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाना, जिला बाल सरंक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन, जिला लेबर अधिकारी व बाल कल्याण समिति के कार्यालय में व उन्हें स्वयं भी इसकी सूचना दे सकते हैं। बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए बाल कल्याण समिति दृढ़ संकल्प है। बाल श्रम को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कानूनी प्रावधान लागू किए हुए है। समाज के सभी वर्गों के लोगों को गैर कानूनी बाल मजदूरी रोकने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे।