यमुनानगर

विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन

-आत्महत्या रोकने में सबका साथ हो पर रखे विचार

यमुनानगर, 10 सितम्बर (सच की ध्वनि)- स्वास्थय विभाग द्वारा मुकंद लाल नागरिक अस्पताल के प्रांगण में सिविल सर्जन डॉ विजय दहिया की अधयक्षता में विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मानसिक रोग विशेषज्ञ एवं उप सिविल सर्जन जिला मानसिक स्वास्थय कार्यक्रम डॉ सुनील कुमार, पैनल एडवोकेट वीपीएस सिद्धू, जिला समाज कल्याण अधिकारी मदन लाल एवं उपाधीक्षक पुलिस जिला कारागार जेल जगाधरी द्वारा आत्महत्या रोकने में सबका साथ हो कि थीम पर विस्तार से अपने विचार रखे। सिविल सर्जन डॉ विजय दहिया ने बताया कि हम सबने अपने कार्यस्थल/अन्य स्थान पर कर्मचारियों व परिवार जन के साथ सहानुभूति पूर्वक बाते सुननी व उनका जवाब ध्यानपूर्वक देना चाहिए। कोरोना महामारी के दौरान इससे पीड़ित कुछ व्यक्ति मानसिक परेशानी महसूस करते है और कई बार व्यक्ति या उसके अभिभावक इतने हताश व तनाव में आ जाते है कि आत्महत्या जैसा गंभीर कदम भी उठा सकते है। ऐसे व्यक्तियों को उचित परामर्श की अति आवश्कता होती है। इच्छाएं पूरी न होने पर अधिकतर नौजवान आज कल विभिन्न प्रकार के नशे करने में संलिप्त है, जिसके कारण तनाव में रहना, मित्रो व परिजनों से दूरी बनाना, आक्रामकता, अनियंत्रित क्रोध, बदला लेने की भावना और आत्महत्या करने के प्रयास व लगातार खतरनाक विचार आना, मृत्यु के बारे में बात करना तथा निराश रहना आदि बुरी आदतों में फंस जाते हैं। जिनसे निकलना मुश्किल हो जाता है। इस समय पर हम सबको सहानुभूति भरा व्यवहार करना चाहिए।
डॉ सुनील कुमार जिला मानसिक रोग विशेषज्ञ एवं उप सिविल सर्जन जिला मानसिक स्वास्थय कार्यक्रम ने आत्महत्या का प्रयास करने से रोकने के लिए जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति का मृत्यु के बारे में अधिक बात करते हुए पाया जाता है, निराश रहता हो एवं लगातार नकारात्मक विचार रखता हो और मादक पदार्थो का उपयोग अधिक मात्रा में कर रहा हो और अधिक गुस्सा करता हो तो ऐसे व्यक्ति को तो इन सब बातांे को अपने तक सीमित न रख कर अपने निकट सगे सम्बन्धियों को बता देना चाहिए व मनोरोग चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए ताकि समय रहते इस प्रकार के मानसिक रोगांे पर नियंत्रण पाया जा सके। मानसिक रोग किसी भी वर्ग, उम्र, धर्म, शिक्षित, अशिक्षित किसी को भी हो सकता है।
पैनल एडवोकेट विपीएस सिद्धू ने बताया कि समाज में बेरोजगारी, आर्थिक तंगी, प्रतिद्वंदिता, विवाहिक जीवन, परेशानियां, लव मैरिज, दहेज प्रथा, अनपढ़ता, अज्ञानता व समाजिक मतभेद आदि के कारण आत्महत्या करने कि प्रवृति लगातार बढ़ती जा रही है। जिस पर हम सबको मिलकर नियंत्रण पाना है। अपने घर में व कार्यस्थल पर सबके साथ सहानुभूति पूर्वक बातचीत करनी चाहिए अगर कोई मतभेद हो भी जाए तो उसका समय रहते निवारण आपस में ही करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि तनाव व अवसाद से बचा जा सके। इस अवसर पर स्वास्थय विभाग के उप सिविल सर्जन डॉ बुलबुल, डॉ अनूप, डॉ राजेश, डॉ विजय व जिला मानसिक स्वास्थय प्रोग्राम के मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन अफसर सुधांशु व नर्स नीमा, लुभांशी, जिला मॉस मीडिया अधिकारी सुदेश काम्बोज व काॅउंसलर व अन्य हेल्थ वर्कर्स उपस्थित रहे।

 

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