राष्ट्रीय बाल बहादुरी पुरस्कार के लिए 5 अक्तूबर तक कर सकते है आवेदन
यमुनानगर, 10 सितम्बर (सच की ध्वनि)- जिला बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष एवं उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा बच्चों के साहसिक कार्यों जो किसी की जिंदगी को बचाने में या किसी सामाजिक बुराई, अपराध से निपटने आदि में दिखाई दें, को पहचान दिलवाने तथा अन्य बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय बाल बहादुरी पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। परिषद् द्वारा राष्ट्रीय बाल बहादुरी पुरस्कारों हेतु 5 अक्टूबर 2020 तक आवेदन जिला बाल कल्याण परिषद के कार्यालय में पहुंच जाएं। क्योंकि यह सिफारिशें 15 अक्टूबर 2020 तक सरकार को पहुंचानी हैं।
उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में यदि किसी प्रकार की सहायता, पुरस्कार हेतु स्कीम एवं आवेदन का प्रारूप आप जिला बाल कल्याण अधिकारी से उनके कार्यालय में संपर्क करके ले सकते हैं। इन पुरस्कार के लिए आवेदक की आयु 6 वर्ष से 18 वर्ष होनी चाहिए तथा बहादुरी का कार्य प्रथम जुलाई 2019 से 30 सितंबर 2020 के बीच होना चाहिए।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए भेजी जाने वाली सेवाओं हेतु बहादुरी के कार्य का लगभग 250 शब्दों में वर्णन, जन्मतिथि का प्रमाण पत्र, समाचार पत्र या पत्रिका की कटिंग, एफआईआर अथवा पुलिस डायरी आदि संलग्न करना अनिवार्य है। यह आवेदन, आवेदक के विद्यालय की प्राचार्य, मुख्याध्यापक, पंचायत मुखिया या जिला परिषद अध्यक्ष या जिला बाल कल्याण परिषद के महासचिव अध्यक्ष जिलाधीश या सरकारी अधिकारी, संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक या उच्च रेंक के पुलिस अधिकारी द्वारा की गई सिफारिश हो।
उन्होंने बताया कि इनमें भारत पुरस्कार एक लाख रूपए, धु्रव पुरस्कार 75 हजार रुपए, मारकंडे पुरस्कार 75 हजार रुपए, श्रवण पुरस्कार 75 हजार रुपए, प्रहलाद पुरस्कार 75 हजार रुपए, एकलव्य पुरस्कार 75 हजार रुपए, अभिमन्यु पुरस्कार 75 हजार रुपए एवं सामान्य श्रेणी के पुरस्कार शामिल हैं। इस इनामी राशि के अलावा बच्चे को एक मेडल, (सोना/चांदी) एक सर्टिफिकेट व विभिन्न संगठनों द्वारा कई प्रकार के गिफ्ट भी दिए जाते हैं। यह भी सूचना में लाया जाता है कि गत वर्ष जिला यमुनानगर के एक बच्चे को राष्ट्रीय बाल बहादुरी पुरस्कार मिला था।