रैड/ओरैन्ज जोन के इन 33 गांवों में कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने के इच्छुक किसान कोऑपरेटिव सोसाईटियां, पंजीकृत किसान सोसाईटियां, एफपीओ व ग्राम पंचायत में 7 सिंतबर 2020 सांय 5 बजे तक कर सकते है ऑफलाईन आवेदन
यमुनानगर, 5 सितम्बर(सच की ध्वनि)ः उपायुक्त मुकुल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, यमुनानगर द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत कृषि यन्त्रों पर अनुदान के लिए 21 अगस्त 2020 तक ऑनलाईन आवेदन आमंित्रत किये गये थे। जिसके अंतर्गत जिला यमुनानगर में व्यक्तिगत श्रेणी व कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना के लिए विभिन्न प्रकार के 10 कृषि यन्त्रों पर अनुदान दिया जाना है। व्यक्तिगत श्रेणी के लिए 147 कृषि यन्त्रों को अनुदान पर देने हेतू 336 आवेदन व कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना के लिये 120 आवेदन प्राप्त हुये थे।
उपायुक्त मुकुल कुमार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति व आवेदनकर्ता किसानों की उपस्थिति में सभी आवेदक किसानों में से लाभर्थियों का चयन गत दिवस 4 सितम्बर 2020 को किया गया। कोविड-19 के मद्देनजर सीमित संख्या में किसानों को ड्रा के आयोजन में भाग लेने के लिये बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि जिले के गावों को फसल अवशेषों में लगने वाली आग की घटनाओं के अनुरूप रैड व ओरेन्ज जोन में चिन्हित किया गया है। इन गांवों के किसानों को कृषि यन्त्र उपलब्ध करवाने के लिये कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने की योजना है व साथ ही उन्होंने किसानों को कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिये कहा ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके।
उपकृषि निदेशक सुरेन्द्र यादव ने उपस्थित सभी किसानों को पराली न जलाने हेतू शपथ दिलाई व ‘‘पराली नहीं जलायेगें भूमि की उपजाऊ शक्ति बचायेंगें’’ लिखे हुये सलोग्न वाले मास्क किसानों को वितरित किये गये। इस बार किसानों का चयन एनआईसी सेंटर के सहयोग से कम्पयुटराईज्ड तरीके से रैन्डमाईजेशन तकनीक द्वारा किया गया व अनुदान हेतू वरिष्ठता सूचि तैयार की गई। ड्रा के दौरान पारदर्शिता रखते हुये विडियोग्राफी भी कराई गई। इन 10 प्रकार के कृषि यन्त्रों में से हैपी सीडर, स्ट्रा बेलर व स्ट्रा रेक के लिये लक्ष्य से कम आवेदन प्राप्त होने के कारण सभी आवेदकों का चयन इन कृषि यन्त्रों पर अनुदान के लिये कर लिया गया है।
सहायक कृषि अभियन्ता विनीत कुमार जैन ने बताया कि वरिष्ठता सूचि में से लक्ष्यानुसार सभी चयनित किसानों को दूरभाष पर उनके चयन की सूचना दे दी जायेगी व उन्होंने निर्देश दिये कि यह सभी चयनित किसान सभी सबंधित दस्तावेजों की हस्ताक्षरित दोहरी प्रतियों जैसे कि ऑनलाईन आवेदन का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ट्रैक्टर की वैध पंजीकरण प्रति, बैंक खाते की कॉपी, भूमि के मालिकाना हक की पटवारी की रिर्पोट व जमीन की फर्द, अनुसूचित जाति के किसानों का जाति प्रमाण पत्र, मेरा फसल-मेरा ब्यौरा में पंजीकरण का प्रमाण इत्यादि 11 सितम्बर, 2020 तक कार्यालय में जमा करवायें। यदि कोई किसान अपने दस्तावेज जमा नहीं करवाता है तो वरिष्ठता सूचि में से अगले आवेदक का चयन करके उसको दस्तावेज जमा करवाने का मौका दे दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना हेतू कुल 120 आवेदन प्राप्त हुये थे। परन्तु रैड/ओरैन्ज जोन के लगभग 33 गांव ऐसे हैं जहाँ कोई भी कस्टम हायंिरग केन्द्र नहीं है व न ही कोई आवेदन प्राप्त हुआ है। यह गांव मेहलावाली, भेड़थल, जुडा जटान, हैबतपुर, मिल्क सुखी, सुन्दर बहादुरगढ़, रामगढ़ माजरा, सरांवी, अहमद माजरा, बलौली, चुहड़पुर कलां, दसौरा, गनौली, किशनपुरा, मलिकपुर खादर, मनभरवाला, मीरपुर, रामपुर खादर, बीड़ टापू, रझेड़ी, पीरभोली, कल्याणपुर अंटारी, कुराली, कनीपला, ढलोर, गुगलों, झाड़ चंदना, लवाना, मघरपुरा, मेहमदपुर, राजपुर, तलाकौर व शेखपुरा हैं। अतः योजना के तहत इन गांवों की कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने की इच्छुक किसान कोऑपरेटिव सोसाईटियां, पंजीकृत किसान सोसाईटियां, एफपीओ व ग्राम पंचायत 7 सिंतबर 2020 सांय 5 बजे तक ऑफलाईन आवेदन भरकर सहायक कृषि अभियन्ता यमुनानगर के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। ड्रा के आयोजन के दौरान उपस्थित किसानों ने कम्बाईन के साथ लगने वाले स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम के सभी आवेदकों को अनुदान देने की मांग की। इस अवसर पर उपमंडलाधीश जगाधरी, कृषि विज्ञान के केन्द्र दामला के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नरेन्द्र गोयल व कृषि विकास अधिकारी (फार्म यन्त्र) श्याम सुन्दर भी उपस्थित रहे।