डीसी ने काहनी साढे बारह के सरपंच को चार्जशीट कर दिये जांच के आदेश
डीसी ने काहनी साढे बारह के सरपंच को चार्जशीट कर दिये जांच के आदेश
– अवैध कब्जे के मामले में सरंपच ने किया असंवैधानिक समझौता
रोहतक, 29 जुलाई। जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे एक मामले में विपक्षी पार्टी के साथ असंवैधानिक समझौता करने पर जिला उपायुक्त आरएस वर्मा ने न केवल काहनी साढे़ बारह ग्राम पंचायत के सरपंच राजेंद्र को चार्जशीट कर दिया है, बल्कि उसके खिलाफ नियमित जांच के भी आदेश दिये हैं। वर्मा ने दी हरियाणा सहकारी चीनी मिल्ज लिमिटेड, भाली आनंदपुर, के निदेशक को इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए उन्हें 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किये हैं।
इन आदेशों में उपायुक्त का कहना है कि सरपंच को कोई ऐसा कोई संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं है कि वह कोर्ट में चल रहे किसी मामले में ग्राम पंचायत की ओर से विपक्षी पार्टी के साथ समझौता कर ले। अगर ग्राम पंचायत द्वारा ऐसा कोई समझौता पंचायत के हित में करना भी पड़ता है तो वह केवल पंजाब विपेज काॅमन लैंड अधिनियम 1964 के नियम 16 के तहत ही किया जा सकता है। इसलिए संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ समझौता करके सरपंच ने ग्राम पंचायत के हितों को नुक्सान पहुंचाया है।
उपायुक्त ने यह आदेश काहनी निवासी एडवोकेट अशोक कादियान व नरेश कादियान समेत अनेक अन्य ग्रामवासियों द्वारा की गई लिखित शिकायत पर सुनवाई करते जारी किया है। इस शिकायत में ग्रामीणों का कहना था कि जगमेंद्र नामक एक ग्रामीण ने गांव की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था जिसके खिलाफ लोकल कोर्ट में केस डाला गया था। लोकल कोर्ट ने जगमेंद्र के खिलाफ फैसला सुनाया। जिस पर जगमेंद्र ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी और इस बीच चुनाव हुआ तो गांव का सरपंच बदल गया। नये सरपंच राजेंद्र ने जगमेंद्र को फायदा पहुंचाने के लिए कोर्ट में चल रहे केस में समझौता कर लिया। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने उपायुक्त को कर दी। इस शिकायत को उपायुक्त ने ठीक पाया और सरपंच को चार्जशीट कर दिया।
अशोक कादियान ने बताया कि डीसी ने सरपंच को इस मामले से बिल्कुल अलग करते हुए पंचायत विभाग के अधिकारियों को अब हाईकोर्ट में ग्राम पंचायत की तरफ से इस मामले में पैरवी करने के आदेश जारी किये है।