22 मार्च को विश्व जल सरंक्षण दिवस के अवसर पर हम जल बचाने की शपथ लें -उपायुक्त मुकुल कुमार
सच की ध्वनि(ब्यूरो) यमुनानगर, 22 मार्च( )पानी के बिना हम एक दिन भी नहीं रह सकते व पानी के बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते। पानी हमारा जीवन है। धरती पर पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। हम आखिरी पीढी नहीं है जो धरती पर रह रहे है। हमने अपनी आने वाली पीढियों के लिए धरती को हरा-भरा रखना है और ऐसा करने के लिए पानी का सही प्रयोग करना और इसे बचाना ही समय की सबसे महत्वपूर्ण मांग है। आज 22 मार्च को विश्व जल सरंक्षण दिवस के अवसर पर हम जल बचाने की शपथ लें।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने गर्मी के मौसम को मद्देनजर रखते हुए जिलावासियों से आग्रह किया है कि वे पानी की महत्वत्ता को समझकर पानी का सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आया है कि जब पानी की आवश्यकता नहीं होती तो लोग नलों को खुला ही छोड देते हैं और पानी व्यर्थ में बहता रहता है। उन्होंने कहा कि यदि हम इसी प्रकार पानी का दुरूपयोग करते रहेंगे तो आने वाले समय में हमें पानी के घोर संकट का सामना करना पडेगा। जब पानी की आवश्यकता न हो तो नल को बंद अवश्य कर दें। गांवों में ग्राम पंचायतों का भी दायित्व बनता है कि वे पानी की नलों को खुला न छोड़े। यदि पानी की नल एवं टूंटी खराब है तो उसे तुरन्त ठीक करवाएं ताकि पानी व्यर्थ न बहे।
मुकुल कुमार ने कहा कि गांव एवं शहरी क्षेत्रों में घर की सफाई करते समय ज्यादातर महिलाएं पाईप लगाकर फर्श धोती है जिससे पानी का दुरूपयोग होता है। फर्श की सफाई के लिए खुले पानी के पाईप का इस्तेमाल न करके कपडे से साफ करना ज्यादा बेहतर है। इसी प्रकार पीने के लिए भरने वाले पानी को भी नाली में यूॅ ही बहा दिया जाता है जबकि इस पानी को पौधों में देकर इसे व्यर्थ होने से बचाया जा सकता है।
उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वे पानी का सदुपयोग करें तथा पानी से वाहन वगैरा न धोएं तथा पार्कों आदि में पानी के पाईप खुले न छोड़े। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति पानी को व्यर्थ बहाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है, जल है तो कल है। यदि हम भविष्य के लिए जल को बचाना चाहते हैं तो उसका संरक्षण बहुत जरूरी है। पानी बचाने से न सिर्फ भूजल स्तर ऊपर आएगा बल्कि पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।