विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर गुरु नानक खालसा शिक्षण संस्थानों के प्रांगण में अनेक आयोजन किए गए।
यमुनानगर, 22 अप्रैल (सच की ध्वनि – ब्यूरो )- विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर गुरु नानक खालसा शिक्षण संस्थानों के प्रांगण में अनेक आयोजन किए गए। प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष सरदार स्वर्ण सिंह अटवाल की स्मृति में औषधीय, फूल और फलदार पौधों का रोपण किया गया। सरदार स्वर्ण सिंह अटवाल पिछले कई दशकों से संस्थानों की प्रबंध समिति में रहते हुए अपने अनुभवी और दूरदर्शिता पूर्ण सोच से संस्थानों को लाभान्वित किया था, 21 अप्रैल को उनका निधन हो गया था।
गुरु नानक खालसा कॉलेज के प्राचार्य डॉ मेजर हरिन्दर सिंह कंग ने बताया कि पृथ्वी के पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन को समर्पित हर साल यह दिन मनाया जाता है ताकि दुनिया को पृथ्वी के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए जागरुक किया जा सके। उन्होंने बताया कि अमेरिका के सीनेटर नेल्सन की पहल पर पहली बार 22 अप्रैल 1970 को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया तथा तबसे अब तक यह दिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मना कर दुनिया भर के लोगों को पृथ्वी के महत्व और इसकी संभाल की जानकारी दी जाती है।

संस्थान के निदेशक डा. अमित जोशी ने बताया कि तेल, खनिज, जल व ऐसे ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन मानव अंधाधुंध तरीके से अपने स्वार्थों के लिए कर रहा है। इतना ही नहीं मनुष्य अपने द्वारा उपयोग व उपभोग किए वस्तुओं का असीमित कचरा पृथ्वी में अनियोजित तरीके से फेक रहा हैं वहीं बडी तेजी के साथ जंगलों को भी काटा जा रहा है। इन सब से पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में आ गया है। इसलिए समय रहते पृथ्वी की सुरक्षा के इंतजाम करने की जरूरत है। नई दिल्ली स्थित उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार व शोध के लिए विश्व विख्यात संस्था डायस एसडीजी लैब व गुरु नानक खालसा कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थियों के लिए आयोजित वेबिनार के माध्यम से विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों को पृथ्वी के समक्ष आ रहे खतरों, कारण और समाधान की चर्चा आंकड़ों, चित्रों और वीडियो के माध्यम से की गई और उन्हें जागरूक करते हुए बताया गया कि वह अधिक से अधिक पौधे लगाएं, कचरे का निस्तारण उचित ढंग से करें, जल का अपव्यय न करें तथा परंपरागत उर्जा संसाधनों का उपयोग सोच समझ कर करते हुए प्राकृतिक व वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करें।

वेबिनार में डायस के प्रेसिडेंट केशव कुमार, डॉ. आलोक गोयल, डा. अशोक खुराना, डा. अमरजीत सिंह, डा. कैथरीन मसीह और डॉ राजिन्दर सिंह वोहरा ने अपने-अपने विचार रखे। इस वेबिनार में 1334 प्रतिभागियों ने भाग लिया। खालसा शिक्षण संस्थानों के संरक्षक सरदार भूपेन्द्र सिंह जौहर और अध्यक्ष सरदार रणदीप सिंह जौहर ने भी विश्व पृथ्वी दिवस की बधाई देते हुए सबसे आह्वान किया कि हम अपनी पृथ्वी की सुरक्षा के लिए अधिकतम योगदान दें। इस अवसर पर डॉ. अमृता प्रीतम, गुरु गोविन्द सिंह फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ कुमार गौरव, डा. रमणीक, डॉ. राजेश भारद्वाज, प्रो जिशप्रीत सिंह और प्रो मनिन्द्र दत्त भी उपस्थित थे।