। पर्यावरण मित्र फाउंडेशन के संस्थापक व अन्य का आरोप है कि गोशाला में गोवंशों की देखरेख नहीं हो रही है।
यमुनानगर (सच की ध्वनि, रविन्द्र मैहता)
दामला गोशाला एक बार फिर चर्चा में है। पर्यावरण मित्र फाउंडेशन के संस्थापक व अन्य का आरोप है कि गोशाला में गोवंशों की देखरेख नहीं हो रही है। गोवंश भूखा है। कई गोवंश मृत मिल चुके हैं। उनके निरीक्षण में रात के समय गोशाला का गेट खुला मिला। गोवंश घास की तलाश में सड़क पर भटकता दिखा। मंगलवार को संस्थापक चिराग सिंघल ने लघु सचिवालय पहुंच प्रशासन की जानकारी में मामला लाया। मांग की है कि यह गोशाला एनजीओ को दी जाए, ताकि गोवंशों की देखभाल हो सके।
चिराग सिंघल ने अपने ज्ञापन में बताया कि सरकार गोशालों पर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि गोवंशों को आसरा देने की बात कह कर सत्ता में आई थी। सत्ता संभालने के बाद गोशालों पर फाेकस पूरा नहीं किया गया है। अनदेखी का आलम है कि दामला गोशाला में गोवंश भूख से मर रहा है। देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सरकार गोशालाओं के लिए करोड़ों का बजट देने की बात कहती है। जब करोड़ों का बजट दिया गया तो गोशालों में गोवंश क्यों मर रहा है। उनकी देखभाल को लेकर उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है। यह बजट कहां लग रहा है। इसका हिसाब सार्वजनिक किया जाए, जिससे लोगों को सही जानकारी मिल सके। यह बजट कहीं लगाया गया तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।