नये अध्यादेश किसानों के है हितकारी, किसानों को अपनी उपज किसी भी राज्य में बेचने की होगी आजादीः जिला उपायुक्त
नये अध्यादेश किसानों के है हितकारी, किसानों को अपनी उपज किसी भी राज्य में बेचने की होगी आजादीः जिला उपायुक्त
-जिला उपायुक्त ने बागवानी विभाग की समीक्षा करते हुए पहली डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक ली
यमुनानगर, 21 अगस्त (सच की ध्वनि)- उपायुक्त मुकुल कुमार ने अपने कार्यालय में बागवानी विभाग की समीक्षा करते हुए पहली डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक ली। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन और संवर्धन के गठन के तहत भारत में 10000 एफपीओ का गठन किया जाना हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय दोगुनी करना हैं।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस स्कीम के तहत कलस्टर बनाकर उन कलस्टरों में किसान उत्पादक संगठन बनाकर किसानों को जागरूक किया जाए और किसान उत्पादक संगठन (बागवानी, कृषि, मत्स्य, पशुपालन) बनाकर अपने उत्पाद तैयार करें तथा संगठन के माध्यम से अपने उत्पाद को मार्किट में बेचे तथा जिला व राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाए। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसानों के यहां कैम्प लगवाकर किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने किसानों के लिए नए अध्यादेश लागू किए हैं। इन अध्यादेशों के लागू होने से किसानों को काफी फायदा मिलेगा। अब किसानांे को अपनी उपज किसी भी राज्य में बेचने की आजादी होगी। इससे कृषि उपज को बाधामुक्त अंतर्राज्य व्यापार संभंव हो सकेगा। अहम पहलू यह है कि किसानों को अपना उत्पाद मण्डी की तरफ ले जाने की बाध्यता नहीं होगी। इससे एक देश एक व्यापार की संकल्पना को बढ़ावा मिलेगा।
उपायुक्त ने बताया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, प्याज, आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया हैं। इस फैसले से उत्पादन, भण्डार, ढुलाई, वितरण की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभंव होगा। उन्होनें बताया कि साथ-2 केन्द्र सरकार ने मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्त और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश को स्वीकृति दे दी हैं। यह अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर उत्पादों की खरीद ब्रिकी की आजादी देगा। उन्होनें कहा कि केन्द्र सरकार के तीन अध्यादेशों के जरिए लाए गए इन कानूनों से किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सकेगा।
बैठक में जिला उद्यान अधिकारी, डा. रमेश पाल सैनी व जिला परियोजना समन्वयक, रविकान्त ने उपरोक्त स्कीम के बारे में बताया कि वर्ष 2020-21 में हरियाण राज्य को 150 किसान उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ हैं। स्कीम के तहत समतल धरातल में 300 व पहाड़ी क्षेत्र में 100 किसानों का एक ग्रुप बनाकर एफपीओ बनाया जाएगा। जिले में अब तक कुल 18 एफपीओ बनाए जा चुके हैं जिनमें लगभग 3000 किसान जुड़ चुके है व जिले में 4 एफपीओ को सीसीडीपी प्रोजेक्ट लगाने की स्फैक द्वारा अनुमति मिल चुकी हैं तथा 2 एफपीओ का प्रोजेक्ट का कार्य शुरू हो चुका हैं। इसके अलाव स्कीम के अन्तर्गत एक जिला एक उत्पाद पर ध्यान दिया जायेगा, जिसमें जिला यमुनानगर को आम उत्पाद संवर्धन के लिए चुना गया हैं। इस अवसर पर जिला परिषद के सीईओ नवीन आहुजा, डीडीएम नाबार्ड कुशलदीप, कृषि उपनिदेशक, डा. सुरेन्द्र यादव, वरिष्ठ काॅर्डिनेटर, डा. एनके गोयल, जिला मत्स्य अधिकारी डा. अजय सिन्हा व जिला उद्यान अधिकारी डा. रमेश पाल सैनी आदि मौजूद रहे।