यमुनानगर

महर्षि वाल्मीकि हम सभी के लिए पुजनीय, उनके आदर्शों को अपने जीवन में करें धारणः मदन चौहान

-धूमधाम से मनाई महर्षि वाल्मीकि जयंती, शहर में हुए कई कार्यक्रमों में मेयर चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत

यमुनानगर, 31 अक्तूबर(सच की ध्वनि): रामायण के रचियता आदिकवि सृष्टिकर्ता भगवान वाल्मीकि की जयंती जिलेभर में बड़े  हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाई गई। भगवान वाल्मीकि के मंदिरों में सुबह के समय विधि-विधान के अनुसार हवन यज्ञों में श्रद्धालुओं ने आहूति डालकर सुख समृद्धि की कामना की। इसके बाद भगवान वाल्मीकि की आराधना कर झंडे की रस्म अदा की गई।
पुराना के भगवान वाल्मीकि मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम मेयर मदन चौहान मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। मंदिर प्रांगण में पहुंचने पर मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने मेयर मदन चौहान को पटका व भगवान वाल्मीकि को चित्र देकर सम्मानित किया। इसके बाद उन्होंने झंडे की रश्म अदा की। कार्यक्रम के दौरान भजन मंडल ने भजन कीर्तन कर भगवान वाल्मीकि की महिमा का बखान किया। मेयर मदन चौहान ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितने बड़े विद्वान थे। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि हम सभी के लिए पूज्यनीय हैं। भगवान राम के दोनों पुत्र लव और कुश की शिक्षा-दीक्षा भी उन्हीं के आश्रम में हुई थी। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में धारण कर सके। साथ ही उनके जीवन से प्रेरणा लेकर उनका अनुशरण कर सके। इसके बाद मेयर मदन चौहान कैंप स्थित भगवान वाल्मीकि मंदिर में पहुंचे। यहां भी उन्होंने झंडे की रश्म अदा की। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला और समाज में फैली नशाखोरी को समाप्त कर शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत बताई। शिक्षित समाज के निर्माण देश की तरक्की संभव है। उन्होंने कहा कि कहा कि हमें महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों और सिद्धांतों को आत्मसात करने की जरूरत है। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी, इसमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश है।

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