हरियाणा के गठन से लेकर लम्बित आरक्षण की मांग को वर्तमान सरकार ने किया पूरा: रणबीर गंगवा
-पंचायती राज संस्थाओं में बीसी(ए) को 8 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय ऐतिहासिक
-पिछड़ा वर्ग की ओर से 29 नवम्बर को हिसार में होगा राज्य स्तरीय कार्यक्रम, मुख्यमंत्री मनोहर लाल का जताया जाएगा आभार
यमुनानगर, 20 नवम्बर(सच की ध्वनि): हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में बीसी (ए) वर्ग को 8 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय से समाज की हिस्सेदारी बढ़ेगी। सरपंच, पंच से लेकर ब्लॉक समिति व जिला परिषद के सदस्य चुनने का पिछड़ा वर्ग को मौका मिलेगा। इसलिए पिछड़ा वर्ग समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से आगामी 29 नवंबर को हिसार के पुराना राजकीय कॉलेज मैदान में पिछड़ा वर्ग सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में पिछड़ा वर्ग समाज के लोग हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का अभिनंदन करेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर पिछड़ा वर्ग के लोगों में भारी उत्साह है।
डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने यह लोक निर्माण विभाग (भवन एवं मार्ग) के विश्राम गृह में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग द्वारा हरियाणा के गठन से लेकर आरक्षण की मांग की जा रही थी, लेकिन किसी भी सरकार ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया। वर्तमान सरकार ने इस पुरानी मांग को पूरा करके पिछड़ा वर्ग को पंचायती राज संस्थाओं में उचित प्रतिनिधित्व देने का मार्ग साफ किया है।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर वे प्रदेश के जिलों का दौरा कर रहे हैं। यमुनानगर पंहुचने पर पिछड़ावर्ग के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने संगठनों से 29 नवंबर को पिछड़ा वर्ग सम्मान समारोह बढ़-चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पिछड़ा वर्ग समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि इस विधानसभा सत्र में अनेक ऐसे बिल पारित किए गए हैं, जिनकी मांग काफी लंबे अरसे से की जा रही थी। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि बीसी(ए) वर्ग के लोगों को पंचायती राज संस्थाओं में 8 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय से ग्राम पंचायतों के आठ प्रतिशत सरपंच पद पर इस वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व होगा। इसके साथ ही जिला परिषद और ब्लॉक समिति में भी आठ प्रतिशत या कम से कम दो सदस्य चुने जाने का आरक्षण इस वर्ग को दिया गया है। पंचायती राज चुनावों में पिछड़ा वर्ग को 8 फीसदी की हिस्सेदारी मिलने से प्रदेश के 22 जिलों में हर जिले व ब्लाक में कम से कम दो-दो सीटें ब्लाक समिति व जिला परिषद के लिए आरक्षित होंगी। इससे कई जिलों में आरक्षण 11 प्रतिशत से भी अधिक हो जाता है।
डिप्टी स्पीकर ने कहा कि विधानसभा में आधी आबादी को भी पंचायती राज संस्थाओं ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों में महिलाओं की 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे का साकार रूप भी इस बिल को देखा जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए यह बिल काफी अह्म साबित होगा और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पंचायती राज सस्थाओं में निर्वाचित होकर विकास के नए आयाम स्थापित करेंगी। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि विधानसभा में एक और महत्वपूर्ण बिल प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए पास किया गया। प्राइवेट क्षेत्र में 75 प्रतिशत हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने का बिल पास किया गया है। इससे बेरोजगारी दूर होगी और प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। पंचायती राज अधिनियम में राईट टू रिकॉल के प्रावधान से लोगों के अधिकार बढ़े है और यदि गांवों के 67 प्रतिशत या इससे अधिक मतदाता सरपंच के विरूद्घ अपना मत व्यक्त करेंगे तो उन्हें सरपंच को रिकॉल करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके अलावा भी उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा पिछले एक साल में विभिन्न वर्गों के हित में लिए गए कल्याणकारी और उत्साहवर्धक निर्णयों का विस्तार पूर्वक जिक्र किया। इस अवसर पर पूर्व एमएलए रानिया रामचंद्र काम्बोज, पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, डीएसपी सुभाष चंद्र, जगाधरी के तहसीलदार छोटू राम, जेजेपी के जिला मीडिया प्रभारी ओपी लाठर और पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।