मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किसानों के हित मे लिया ऐतिहासिक और सराहनीय निर्णय-शिक्षा मंत्री
सच की ध्वनि(ब्यूरो)यमुनानगर, 25 मार्च( )-किसानों की फसल की बकाया राशि पर ब्याज दिलवाने का प्रावधान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य-चौधरी कंवर पाल।
हरियाणा के शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री चौधरी कंवरपाल ने कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार किसानों के हितों की रक्षा व उनकी आय में वृद्घि करने के लिए पूरी इमानदारी और गंभीरता से प्रयास कर रही है। किसानों को उनकी फसल की अदायगी लेट होने की स्थिति में बकाया राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज दिलवाने कि निर्णय को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का ऐतिहासिक और सराहनीय कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है जहां किसान वर्ग के हित के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है।
चौधरी कंवरपाल ने अपने आवास पर भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकत्र्ताओं से चर्चा करते हुए कहा कि सभी कार्यकत्र्ता सरकार के जनहितैषी निर्णयों को घर-घर तक पहुंचाए ताकि विपक्ष द्वारा सरकार के विरूद्घ किए जा रहे दुष्प्रचार का जवाब दिया जा सके। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी मंडियों में एक अप्रैल से गेहूं व सरसों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सदन में इस बात का आश्वासन दे चुके हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था जारी है और जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए हैं कि एजेंसियों द्वारा खरीदी गई फसल का उठान 48 घंटे में सुनिश्चित करेें और इसमें देरी होने की स्थिति मे सम्बंधित उपायुक्त को इंतजाम करने होंगे।
उन्होंने किसानों से यह आग्रह भी किया कि वे कृषि के पारम्परिक तरीकों की बजाय आधुनिक और लाभकारी फसल विविधिकरण की तकनीकों को अपनाएं। फसल विविधिकरण के विकल्प के रूप में दलहन, तिलहन और मक्का इत्यादि की फसलों की बिजाई के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ-साथ कृषि वानिकी भी किसानों की आय में वृद्घि कर सकती है और इसके लिए वन विभाग द्वारा कई प्रकार की प्रोत्साहन योजनाएं पहले से ही चलाई हुई है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यमुनानगर और शिवालिक पहाडिय़ों की तलहटी में स्थित पंचकूला इत्यादि क्षेत्रों में किसानों की आय मे वृद्घि करने के लिए मसालों की कृषि को बढ़ावा देने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि केरल दौरे के दौरान उन्होंने स्वंय मसालों की खेती की तकनीक का अध्ययन किया है और पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी कृषि के लिए अनुकूल परिस्थितियां है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ मसालों की कृषि के लिए विचार विमर्श जारी है और सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद किसी कार्य योजना को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा।