संत निश्चल सिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वूमेन में विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर ऑनलाइन वर्कशाॅप का किया आयोजन
यमुनानगर, 26 अप्रैल (सच की ध्वनि – ब्यूरो )- संतपुरा स्थित संत निश्चल सिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वूमेन में विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर ऑनलाइन वर्कशाॅप का आयोजन किया गया। जिसमें बीएड व डीएलएड की सभी छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ अंजू वालिया ने कहा कि साहित्य जगत की महान विभूति शेक्सपियर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में इस दिवस को मनाया जाता है। इन्होंने 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएं लिखी, जिनका विश्व की समस्त भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इनको श्रद्धांजलि देते हुए ही 1995 से यूनेस्को ने और 2001 से भारत में इस दिवस को विश्व पुस्तक दिवस और प्रकाशन अधिकार दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इसे किताबों का अंतरराष्ट्रीय दिवस भी कहा जाता है। किताबों का क्रेज कभी कम नहीं हो सकता, क्योंकि जिन्हें पुस्तकें पढ़ने में दिलचस्पी है वे किताबें पढ़े बिना संतुष्ट नहीं होते, भले ही पुस्तक में लिखी बात अन्य मीडिया के माध्यम से भी क्यूं ना जान चुके हो। पुस्तकालय की अध्यक्षा खुशबीर कौर ने पुस्तकालय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तकें ज्ञानवर्धन तो करती ही हैं। साथ ही साथ ये मनोरंजन का साधन भी होती हैं। यह हमारी विरासत का खजाना है। पुस्तकों का साथ हमेशा का साथ होता है चाहे पुस्तकें बाल साहित्य की हो, पाठ्य पुस्तकें हो या फिर धार्मिक ग्रंथ ही क्यूं ना हो। अंत में कार्यक्रम संयोजिका डॉ सुनीता अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि पुस्तकें हमारी सच्ची दोस्त होती हैं। अगर पुस्तकें ना हो, तो बहुत से कार्य हमारे अधूरे ही रह जाएंगे। ज्ञान मनोरंजन व अनुभव की बात कहती ये पुस्तकें ऐसे ही नहीं पूजी जाती। इनके पन्नों पर जीवन का हर अर्थपूर्ण अनुभव सहेज लिया जाता है ताकि आने वाला कल और भी सुंदर एवं सुरक्षित बन सकें। उन्होंने सभी छात्राओं से आग्रह किया कि वे सभी महामारी की इस विपद परिस्थिति में काॅलेज की ई-लाइब्रेरी से जुड़कर ज्ञानवर्धन करें।