बिल्डिंग प्लान में मिली अनियमितताएं, निगम ने तीन कैफे किए सील – कुछ दिन पहले तीनों कैफों पर पुलिस व निगम ने की थी रेड, निगम ने जारी किए थे नोटिस – निगमायुक्त आयुष सिन्हा के निर्देशों पर एटीपी के नेतृत्व में निगम की टीम ने की बड़ी कार्रवाई
नगर निगम ने शुक्रवार को छोटी लाइन स्थित तीन कैफों को सील कर दिया। ये वही कैफे है, जिनमें बीती 26 अप्रैल को नगर निगम व पुलिस विभाग ने संयुक्त रेड की थी। रेड के दौरान यहां से कई लड़कियों व लड़कों को बरामद किया गया था। कैफों में छोटे छोटे केबिन बनाए हुए थे। जिसके बाद निगम की ओर से इन कैफे संचालकों को नोटिस जारी किए गए। जांच में निगम अधिकारियों को इन कैफों के बिल्डिंग प्लान में अनियमितताएं मिली। जिसके बाद शुक्रवार को निगम द्वारा तीनों कैफों को सील कर दिया गया। यह कार्रवाई नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा के निर्देशों पर एटीपी लखमी सिंह तैवतिया के नेतृत्व में बनी टीम ने की।
एटीपी लखमी सिंह तेवतिया ने बताया कि अनैतिक कार्य होने की सूचना बीती 26 अप्रैल को पुलिस विभाग व नगर निगम की टीम ने छोटी लाइन स्थित कई कैफों पर रेड की थी। रेड के दौरान इन कैफों में छोटे छोटे केबिन बनाए हुए मिले थे। जिसके बाद निगम की ओर से छोटी लाइन फ्रेंड्स बैंकेट कैफे, गोल्डन हट कैफे और 1930 कैफे संचालक को नोटिस दिए गए थे। नोटिस में उनसे भवन का नक्शा मांगा गया। वहीं, जो बिल्डिंग बनी है, वह किस उद्देश्य से बनाई गई थी, इसका भी रिकाॅर्ड मांगा है। लेकिन भवन मालिकों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। जांच में इन कैफों के बिल्डिंग प्लान में अनियमितताएं मिली। जिसके बाद निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने इन कैफों को सील करने के निर्देश दिए। निगमायुक्त के निर्देशों पर शुक्रवार को उनके नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम ने एक के बाद एक तीनों कैफों को सील कर दिया। एटीपी लखमी सिंह तेवतिया ने कहा कि शहर में बिना नक्शा पास कोई भी भवन बनने नहीं दिया जाएगा। जिन भवनों के बिल्डिंग प्लान में गड़बड़ी है। उन पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
दुकानों में चल रहे थे कैफे –
जांच में सामने आया है कि ये कैफे दुकानों में चल रहे थे। बाहर कैफे लिखा था, लेकिन अंदर कैफे जैसा कुछ नहीं था। फ्रेंड्स बैंकेट कैफे में तो खाद्य पदार्थ बनाने का कोई इंतजाम नहीं था। वहां सिर्फ अनैतिक कार्य करने के लिए अलग-अलग केबिन बनाए हुए थे। जिन्हें घंटे के हिसाब से युवक और युवती को अनैतिक कार्य करने के लिए पैसे लेकर किराए पर दिया जाता था। यहां आने वाले युवक और युवती को केबिन किराए पर देने के लिए कोई आईडी भी नहीं ली जाती थी। जबकि नियम अनुसार आईडी लेना जरूरी है।