सुप्रीम कोर्ट ने देश में लोकतंत्र की हत्या होने से बचा ली : अशोक मैहता
सुप्रीम कोर्ट ने देश में लोकतंत्र की हत्या होने से बचा ली : अशोक मैहता
अम्बाला: वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व राज्य सूचना आयुक्त अशोक मैहता ने कहा कि यह हमारे देश के लिए बड़े संतोष की बात है कि हमारे देश में संविधान में प्रदत्त लोगों के मौलिक अधिकारों एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सुदृढ़ न्यायपालिका है। इसका उदाहरण आज उस समय देखने को मिला, जब सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली पर सुनवाई करते हुए देश में लोकतंत्र की हत्या होने से बचा ली और चुनाव की शुचिता और निष्पक्षता को बनाए रखने तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं को बचाने का कार्य किया।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बैलेट पेपर से छेड़छाड़ करने के आरोपी पीठासीन अधिकारी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए अशोक मैहता ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करके चुनाव में घपलेबाजी की गई और ऐसा करने वाले अफसर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए कार्रवाई के निर्देशों की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र को विरूपित करने का हक किसी को नहीं है, चाहे वह कितने ही बड़े पद पर क्यों न बैठा हो।
पूर्व राज्य सूचना आयुक्त अशोक मैहता ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने तानाशाहीपूर्ण तरीके से विपक्षी दलों के 8 वोटों को रद्द करके चंडीगढ़ में मेयर बनाने की कोशिश की। यह कहा गया कि इन मतपत्रों पर गलत ढंग से निशान लगे हुए थे, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि खुद पीठासीन अधिकारी ने अपने अधिकारों के खिलाफ जाकर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की थी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय के साथ यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि भविष्य में कोई भी ताकतवर पार्टी अथवा नेता भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने का प्रयास करेगा तो उसे इसी प्रकार मुंह की खानी पड़ेगी। इसलिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इस मामले से सबक लेना चाहिए और निर्वाचित सरकार एवं अन्य लोकतांत्रिक संस्थाओं में गड़बड़ी से परहेज करना चाहिए।