सोशल मीडिया तथा ओटीटी पर भी हो सेंसर,,,, अरुण बख्शी
सोशल मीडिया तथा ओटीटी पर भी हो सेंसर,,,, अरुण बख्शी
100 से अधिक फिल्मों में किया काम तथा 300 से अधिक गए गीत
युवाओं से भी हर समय सीखने का करते हैं प्रयास
यमुनानगर
फिल्म अभिनेता एवं गायक अरुण बख्शी का मानना है कि अभिनय से ज्यादा चुनौती पूर्ण गायकी का क्षेत्र है। जहां गायन के क्षेत्र में बहुत अधिक रियाज की जरूरत है वही अभिनय के क्षेत्र में भी दिन रात मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन वह गायकी को अधिक चुनौती पूर्ण मानते हैं। गुरुवार को श्री गणेश एंटरटेनमेंट एंड ह्यूमैनिटी सर्विसेज के डायरेक्टर पंकज अरोड़ा द्वारा डीएवी गर्ल्स कॉलेज में आयोजित एक शाम मोहम्मद रफी के नाम कार्यक्रम में भाग लेने आए तो पत्रकारों से विशेष बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ फिल्म अभिनेता मुश्ताक खान, इंडियन मीडिया सेंटर के हरियाणा के अध्यक्ष वीरेंद्र त्यागी, गणेश एंटरटेनमेंट के डायरेक्टर पंकज अरोड़ा भी उपस्थित रहे। अरुण बख्शी का कहना था कि उन्होंने 80 के दशक में निर्माता निर्देशक सुभाष गई की फिल्म में गीत गाकर अपने गायन क्षेत्र की शुरुआत की थी इसके बाद वह लगातार गायन व अभिनय के क्षेत्र में कार्य करते रहे। आज अरुण बख्शी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। देश विदेश में सिनेमा प्रेमी उन्हें खूब जानते और पहचानते हैं। उनका कहना था कि वह मोहम्मद रफी तथा किशोर कुमार से कभी मिले नहीं जबकि उन्हें किशोर कुमार से मिलने का अनेक बार मौका मिला। उन्होंने बताया कि किशोर कुमार को वह अपना आदर्श मानते हैं और वह नहीं चाहते कि वह अपने आदर्श के सामने खड़े हो। उन्होंने कहा कि उन्हें तो ना गायन के क्षेत्र में कभी प्रशिक्षण लिया ना अभिनय के क्षेत्र में। उन्होंने तो केवल सरस्वती माता की प्रतिमा को सामने रखा और वहीं से सब कुछ सीखा। पिछले लगभग 4 दशकों से छोटे व बड़े पर्दे के साथ-साथ गायन के क्षेत्र में भी उन्होंने खूब नाम कमाया है। अरुण बख्शी ने 100 से अधिक हिंदी फिल्मों में बतौर चरित्र अभिनेता काम किया है और लगभग 300 से अधिक गीत फिल्मों में गए हैं। उन्होंने हिंदी फिल्मों के साथ-साथ पंजाबी भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है। महाभारत जैसे ऐतिहासिक टीवी धारावाहिक में भी अरुण बख्शी ने अपनी प्रतिभा का लोहा बनवाया है। इन सब की अतिरिक्त शतरंज, परवाने, पुलिसवाला, वक्त हमारा है, प्लेटफॉर्म, रूप की रानी चोरों का राजा, एक ही रास्ता, आंखें, लाडला, राजा बाबू, गोपी किशन, भगवान और बंदूक, दिलजले, विजेता, कृष्ण अर्जुन आदि न जाने कितनी फिल्मों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर उनकी राय अलग ही है और उनका मानना है कि सोशल मीडिया से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म तक सब पर सेंसर बोर्ड का नियंत्रण होना चाहिए। आज ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवाओं में गंदगी परोसी जा रही है इतना ही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अंकुश लगाने की बात कही। उन्होंने बताया कि उनकी भी एक फिल्म जो की अनूप जलोटा द्वारा बनाई गई है ओटीटी पर आ रही है लेकिन वह ऐसा काम करना चाहते हैं जो समाज में मान्यता प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास कोई निर्माता निर्देशक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए ऑफर देता है तो उनकी सबसे पहली शर्त यही होती है कि वह कोई गाली गलौज नहीं करेंगे और ना ही कोई अभद्रता उसमें दिखाएंगे। युवाओं को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि आज के युवा खुद समझदार है और हमें ही उनसे कुछ सीखना चाहिए फिर भी युवाओं के लिए संदेश है कि वह नशे से और वल्गैरिटी से दूर रहे। मेहनत और ईमानदारी के साथ अपना काम करें सफलता उन्हें जरूर मिलेगी। उनके साथ आई फिल्म अभिनेता मुश्ताक खान ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के विभिन्न शहरों का तो कई बार दौरा किया है लेकिन यमुनानगर में वह पहली बार आए हैं। उनका कहना था कि फिल्मों से हमें कोई ना कोई सकारात्मक सीख अवश्य लेनी चाहिए। उन्होंने भी न जाने कितने हिंदी और अन्य भाषा की फिल्मों में काम किया है जिनमें हरियाणवी और पंजाबी भी शामिल है।
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बातचीत करते अरुण बख्शी।