अम्बाला मण्डल आयुक्त दीप्ति उमाशंकर ने ध्वजारोहण कर परेड की ली सलामी
अम्बाला मण्डल आयुक्त दीप्ति उमाशंकर ने ध्वजारोहण कर परेड की ली सलामी
-प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का दिया ब्यौरा
यमुनानगर, 15 अगस्त (सच की ध्वनि)- अम्बाला मण्डल की आयुक्त दीप्ति उमाशंकर ने यमुनानगर में स्थित तेजली खेल परिसर में आयोजित 74वें राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया तथा परेड का निरीक्षण कर मार्च पास्ट की सलामी ली। मार्च पास्ट की परेड का नेतृत्व बिलासपुर के उप पुलिस अधीक्षक आशीष चैधरी ने किया।
जिला स्तरीय स्वतन्त्रता दिवस समारोह में संदेश देते हुए मुख्यातिथि आयुक्त दीप्ति उमाशंकर ने भारत माता के वीर सपूतों जिन्होंने आजादी के लिए अपना बलिदान दिया व आजादी के बाद मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए, को नमन् किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानी देश की एकता, सम्मान और समर्पण का प्रतीक है। अमर शहीदों के त्याग, बलिदान एवं लम्बे संघर्ष के बाद ही आजादी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 1947 को विश्व के मानचित्र पर एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ था।
उन्होंने कहा कि इस दिन के साथ आजादी के आंदोलन की अनेकों यादें जुड़ी हुई हैं तथा आज का दिन हमारे उन संकल्पों की पूर्ति का प्रतीक है जो हमने भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु लिये थे। हरियाणा प्रदेश के नौजवान वीरों ने भी आजादी रूपी यज्ञ में अपने बलिदान की अनेकों आहूतियां दी और आजादी की लड़ाई में अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाई। आजादी की लड़ाई में जय जवान, जय किसान के नारे को हरियाणावासियों ने साकार कर दिखाया था। आज के इस अवसर पर हम जिला के ऐसे सभी जाने-अनजाने शहीदों को भी नमन करती हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में 11 राजकीय महिला महाविद्यालय बनाए जाने की घोषणा की गई है। इन महाविद्यालयों में यमुनानगर जिला के प्रताप नगर में बनने वाला कन्या महाविद्यालय भी शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए नए अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। हर जिला में एक मैडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना है। इस वर्ष यमुनानगर जिला सहित प्रदेश में 3 मैडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना की स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस बार का स्वतन्त्रता दिवस हम कोविड-19 जैसी महामारी के साए में मना रहे हैं। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जावान व गतिशील नेतृत्व में भारत ने धैर्य और संयम से काम लिया और इस महामारी का डटकर मुकाबला किया। यही कारण है कि भारत में इसके संक्रमितों की मृत्यु-दर पश्चिमी देशों के मुकाबले बेहद कम है और रिकवरी दर भी लगातार बढ़ रही है। हरियाणा में तो रिकवरी दर 83 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है। देश के असंख्य डॉक्टरों, नर्सों, पैरा-मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आदि ने कोरोना योद्धा के रूप में मानवता की महान सेवा की है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा को व्यावहारिक और रोजगार उन्मुखी बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है। उन्होंने कहा कि हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके परिजनों को कुछ सुविधाएं देकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य दिखा सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओं को 25 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। राज्य सरकार ने वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेेसिया ग्रांट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की है। भूतपूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशनों में बढ़ोतरी की गई है। वीरगति को प्राप्त होने वाले हरियाणा के शहीदों के 320 आश्रितों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया में लोकतंत्र को शासन की बेहतरीन प्रणाली माना जाता है। इस व्यवस्था से जहां आमजन की सरकार के प्रति उम्मीदें बढ़ जाती हैं, वहीं सरकार की भी जनसाधारण के प्रति जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इस सम्बन्ध में जहां तक हरियाणा की बात है तो राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन के अनुरूप ‘सबका साथ-सबका विकास’ और ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के मूलमंत्र पर चलते हुए पूरे हरियाणा और प्रत्येक हरियाणवी के विकास का बीड़ा उठाया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लोगों को भ्रष्टाचार-मुक्त व बाधा-रहित सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘परिवार पहचान पत्र’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। सभी तहसीलों व उप-तहसीलों में पारदर्शी सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ई-रजिस्ट्रेशन और ई-स्टाम्प प्रणाली शुरू की गई है। प्रदेश में 115 अंत्योदय एवं सरल केन्द्रों और 6,000 से अधिक अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से 39 विभागों की 542 योजनाएं और सेवाएं एक क्लिक पर ऑनलाइन प्राप्त की जा सकती हैं। भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से समूचे ग्रामीण, शहरी और आबादी देह क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर जीआईएस मैपिंग की परियोजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय या 5 एकड़ तक भूमि जोत वाले परिवारों को 6 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। मूलधन की अदायगी समय पर करने वाले किसानों को बिना ब्याज के फसली ऋण दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्र्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। उपज की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के नाम से ई-खरीद पोर्टल शुरू किया गया है। किसानों को बाजार भाव के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए ‘भावांतर भरपाई स्कीम’ लागू की गई है। जल संरक्षण तथा मक्का व अरहर खेती के प्रोत्साहन के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना शुरू की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुपालकों के लिए भी पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में पानी पहुंचाने के लिए ’हर घर नल से जल’ योजना शुरू की गई है। प्रदेश के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच-मुक्त बनाया गया है।
अम्बाला मण्डल की आयुक्त ने कहा कि आज के दिन बिजली सबसे बड़ी जरूरत है। राज्य सरकार सबको 24 घंटे बिजली मुहैया करवाने और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में वितरण नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए लगभग 6772 करोड़ रुपये खर्च किए गए। आगामी 5 वर्षों में इस कार्य के लिए 10,253 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि खेतों में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद और जींद में कुल 49.8 मैगावाट क्षमता की बायोमास परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। कृषि अवशेषों से बायो सीएनजी की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए इंडियन अॅायल कॉरपोरेशन के साथ एक समझौता किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है। मनोहर ज्योति योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा घरों में सोलर सिस्टम लगवाने के लिए 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए जेलों में 18 ग्रिड कनैक्टिड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 400 मोबाइल डिस्पेंसरी शुरू की गई हैं। नागरिक अस्पतालों तथा चिकित्सा महाविद्यालयों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से एमआरआई एवं सिटी स्कैन मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘, सुकन्या समृद्धि योजना, आपकी बेटी-हमारी बेटी और हरियाणा कन्या कोष समेत कई योजनाएं शुरू की गई हैं। हाल ही में महिला एवं किशोरी सम्मान योजना और मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना शुरू की गई हैं। ये दोनों योजनाएं गरीब परिवारों के बच्चों और महिलाओं में कुपोषण खत्म करने और उन्हें बीमारियों से बचाने में कारगर साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में पहली महिला रिजर्व पुलिस बटालियन के गठन को मंजूरी दी गई है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए विषेष रूप से 31 महिला थाने खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए रक्षाबंधन के मौके पर 11 नए कॉलेज खोलने की घोषणा की है, जिसमें यमुनानगर जिला भी शामिल है।
अम्बाला मण्डल की आयुक्त ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां बेरोजगार युवाओं को 100 घण्टे का काम देने के लिए सक्षम युवा योजना शुरू की गई है। युवाओं को रोजगार के अवसरों की जानकारी एक मंच पर मुहैया करवाने के मकसद से रोजगार पोर्टल शुरू किया गया है। उनके कौशल विकास के लिये ‘हरियाणा कौशल विकास मिशन’ बनाया गया है। जिला पलवल के गांव दुधोला में विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। पांच नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा चार नए निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सत्र 2019-20 से आरम्भ किए गए हैं तथा 22 नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि आज औद्योगिक क्षेत्र में भी हरियाणा की अपनी अलग पहचान है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम उत्तर भारत में पहले और देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गये हैं। उद्यमियों को एक ही छत के नीचे स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र की स्थापना तथा ई-बिल पोर्टल की शुरुआत की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अलग से विभाग का गठन किया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 176 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से 23 बड़े व मध्यम उद्योग लगे और इनमें 1315 लोगों को रोजगार मिला। इसके अतिरिक्त, 2016 करोड़ रुपये के निवेश से 14804 सूक्ष्म एवं लघु उद्योग लगे तथा इनमें 94261 लोगों को रोजगार मिला।
उन्होंने कहा कि उद्योगों के फलने-फूलने तथा प्रदेश के समुचित विकास के लिए बुनियादी ढांचे का विकास अत्यंत आवश्यक है। राज्य सरकार प्रदेश में सडक, रेल और मेट्रो के विस्तार पर विशेष बल दे रही है। पिछले पौने छरू सालों के दौरान प्रदेश में 13 हजार 436 करोड़ रुपये की लागत से 29 हजार 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सडकों का सुधार किया गया है। इसके अलावा, 2000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 4300 किलोमीटर से ज्यादा नई सडकों का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2022 तक हर परिवार के पास अपना घर हो। उनके इस सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में राज्य सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 56 हजार 400 से अधिक मकान और 19 हजार 600 से अधिक फ्लैट्स बनाए गए हैं।