यमुनानगर

स्वतंत्रता दिवस देश का सबसे बड़ा त्योहार है, इस दिन अगर कोई तिरंगे के बजाय काला झंडा लहराएगा वो किसान हितैषी नहीं बल्कि देश द्रोही है: विरेंद्र गर्ग

स्वतंत्रता दिवस देश का सबसे बड़ा त्योहार है, इस दिन अगर कोई तिरंगे के बजाय काला झंडा लहराएगा वो किसान हितैषी नहीं बल्कि देश द्रोही है: विरेंद्र गर्ग

भारतीय किसान यूनियन द्वारा 15 अगस्त पर मोटरसाईकिलों पर काले झंडे लगा विरोध प्रदर्शन के ऐलान के बाद, भाजपा कार्यकर्ताओं ने की प्रैस वार्ता

यमुनानगर, 12 अगस्त (सच की ध्वनि)- हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता भारत भूषण जुयाल और प्रदेश भाजपा मीडिया कार्यालय प्रमुख विरेंद्र गर्ग ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस देश का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन अगर कोई तिरंगे के बजाय काला झंडा लहराएगा वैसे लोग किसान हितैषी नहीं बल्कि देश द्रोही है।
वे बुधवार को यमुनानगर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ भाजपा जिला मीडिया प्रभारी सुमीत गुप्ता, युवा मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी बांके अरोड़ा और छछरौली मंडल के मीडिया प्रभारी कपिल मनीष गर्ग भी मौजूद थे।
विरेंद्र गर्ग ने कहा कि लाखों बलिदानों के बाद आजादी प्राप्त हुई है। 15 अगस्त शहीदों के पराक्रम का सम्मान करने का दिन है, स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन काले झंडे दिखाने वाला व्यक्ति भारत का सच्चा नागरिक नहीं हो सकता। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर काले झंडे लहराना को देश की जनता कभी स्वीकार नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार किसान हित में तीन अध्यादेश लेकर आयी है। सरकार द्वारा लगाए गए अध्यादेशों से देश के किसानों को मुनाफा होगा। वहीं एफपीओ के माध्यम से किसान अपनी फसल को अच्छे भाव में बेच सकेंगें।
भारत भूषण जुयाल ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर चिंतित है इसलिए सरकार द्वारा किसानों के खाते में 6-6 हजार रुपये डाले जा रहे हैं। नए अध्यादेश के अनुसार किसानों को मार्केट उपलब्ध करवाई जाएगी जिसमें किसान महंगे भाव में अपनी फसल बेच सकेंगे। ऐसे में किसानों को बिल्कुल भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि अध्यादेश में कहीं भी अनाज मंडी बंद करने या एमएसपी न देने की बात नहीं है। अब कोई व्यापारी किसानों से वायदा करके मुकर नहीं सकता। अगर निर्धारित सरकारी मूल्य से अधिक मूल्य पर कोई व्यापारी एसडीएम कार्यालय के माध्यम से किसानों से संपर्क करके फसल खरीदता है तो इससे जहां किसानों को फसलों के दाम ज्यादा मिलेंगें वहीं मार्केट फीस व अन्य खर्चों से भी किसान बचेगा।

 

 

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