लोधी राजपूत जनकल्याण समिति ने अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंती बाई लोधी का 166वां बलिदान दिवस मनाया
लोधी राजपूत जनकल्याण समिति ने अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंती बाई लोधी का 166वां बलिदान दिवस मनाया
सच की ध्वनि। अजय वर्मा |फरीदाबाद। लोधी राजपूत जनकल्याण समिति (रजि) फरीदाबाद द्वारा अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी चौक एनआईटी फरीदाबाद में शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी जी का 166 वां बलिदान दिवस समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मास्टर ओमप्रकाश लोधी ने की। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री मीडिया कार्डिनेटर मुकेश वशिष्ठ एवं सुरेश पाठक, भाजपा ओबीसी मोर्चा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भगवान सिंह, वरिष्ठ नेता सतीश फागना, बबलू भड़ाना, लाखनसिंह लोधी, रूपसिंह लोधी, शंकर लाल आर्य, पूरन सिंह लोधी ने दीप प्रज्जवलित कर उपस्थित जनों ने श्रृद्धांजलि देते हुए पुष्प अर्पित किए।
इस अवसर पर समिति संस्थापक/महासचिव लाखनसिंह लोधी ने अवंतीबाई लोधी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी का जन्म 16 अगस्त 1831 को मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास मनकेड़ी के जमींदार राव जुझार सिंह लोधी परिवार में हुआ था, बचपन से ही शस्त्रों से लगाव था। इनका विवाह रामगढ़ के युवराज विक्रमादित्य के साथ हुआ जिनकी दो संतानें अमान सिंह और शेरसिंह थे। 1857 स्वतंत्रता संग्राम की पहली नायिका जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लियाए एफ.आर.आर. रैडमैन द्वारा 1912 में सम्पादित मण्डला गजेटियर में इनकी वीरता की गौरवगाथा अंकित है। 15 जनवरी 1858 के युद्ध में रानी के पलटवार से कैप्टन वाडिंग्टन तो अपनी जान बचाकर भाग गया परन्तु वाडिंग्टन का बेटा रोमियो नामक बालक मैदान में रह गया जिसे सहृदयता रानी ने अंग्रेजी कैम्प में अपने सैनिकों से भिजवा दिया, वाडिंग्टन ने प्रभावित होकर रानी को पत्र लिखा कि आप बगावत छोड़ दें तो सरकार की ओर से आपका राज्य सुरक्षित रहेगा। रानी के मना करने पर वाडिंग्टन ने हमले किये जिस कारण रानी के कुशल नेतृत्व में कई युद्ध हुए, पुन: वाडिंग्टन ने 20 मार्च 1858 को लैफ्टिनेंट वार्टन एवं लैफ्टिनेंट कॉकवर्न और रीवा नरेश के साथ मिलकर हमला किया दोनों ओर से भयंकर युद्ध हुआ अंग्रेजी सेना काफी बड़ी होने के कारण। रानी ने घायल होने पर चारों ओर से घिरा देख स्वयं की कटार आत्मबलिदान कर देश पर शहीद हो गई। ऐसी वीरांगना की गाथा पाठ्यक्रम में शामिल करनी चाहिए। जिससे युवा पीढ़ी को पता चले कि आजादी कैसे मिली।
इस मौके पर श्रीमती गीता शर्मा, मनीषा चौधरी, आशा लोधी, मीना देवी, अन्जू वर्मा, धर्मपाल सिंह लोधी, होती लाल लोधी, संजीव कुशवाहा, महेन्द्र सिंह, सुमित रावत, सुशील पुनिया, जगविजय वर्मा, जागेश्वर राजपूत, नरेंद्र कन्डेरे कंचन सिंह लोधी, रामगोपाल लोधी, भाईलाल, शंकर लाल, ओमकार लोधी, भूपसिंह लोधी, विजेंद्र सिंह, देशराज लोधी, लक्ष्मेन्द्र सिंह, शीशपाल शास्त्री, ओमकार सिंह, जितेन्द्र त्यागी, राजेश कुमार लोधी, शिवनाथ, चन्द्रपाल सिंह लोधी, सुरेश चन्द्र, अशोक वर्मा, गौरव वर्मा, सुरेश चन्द लोधी, दिनेश कुमार, राकेश कुमार, हरीश पाहवा, गजेंद्र सिंह, राघवेंद्र सिंह, भूरेलाल, सुनील कुमार आदि उपस्थित रहे।